कुंदन कुमार, पटना. Year Ender 2024: बिहार की राजनीति में वर्ष 2024 में कई बड़े उलट फेर देखने को मिला. सीएम नितेश कुमार ने महा गठबंधन से नाता तोड़कर एनडीए का दामन थाम लिया. साल 2024 की शुरुआत में ही बिहार की सियासत में बहुत बड़े बदलाव हुए. साल के पहले ही महीने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू यादव का साथ छोड़ा और इंडिया में फिर से शामिल हो गए. एनडीए में शामिल होकर नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को मुख्यमंत्री पद का शपथ लिया. अपने आप में यह एक अनोखा रिकार्ड रहा है.
बिहार राजनीति के केंद्र बिंदु रहें नीतीश
एनडीए में वापसी और सीएम पद की शपथ लेने के बाद लोकसभा की चुनाव की बारी आई मुख्यमंत्री नीतीश अब एनडीए गठबंधन में आ गए थे, लोकसभा चुनाव में ऐसा लगा की नीतीश कुमार ने मजबूरी में बीजेपी से हाथ मिलाया है, तो उन्हें मनमाफिक सीट नहीं मिलेगी. लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ. नीतीश की पार्टी को लोकसभा में 16 सीटें मिली, जिसमें से 12 सीटों पर उनकी पार्टी ने जीत हासिल की.
नीतीश कुमार ही बिहार राजनीति के केंद्र बिंदु बने रहें. केंद्र में सरकार बनाने में भी उनकी महत्ता रही और नीतीश की पार्टी के भी सांसद को केंद्रीय मंत्रीमंडल में जगह मिली. अब बारी था नीतीश को अपने पार्टी के लिए एक कार्यकारी अध्यक्ष चुनने का, जो पार्टी का कामकाज सही ढंग से देखे. नीतीश कुमार ने अपने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में संजय झा को नियुक्त किया और उन्हें राज्यसभा भी भेजा.
लोकसभा में चिराग ने हासिल की बड़ी जीत
लोकसभा चुनाव में नीतीश, बीजेपी, चिराग और उपेंद्र कुशवाहा साथ थे, जिसमें सबसे ज्यादा सीट चिराग को पार्टी ने जीता चिराग पासवान की पार्टी से ही मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी को सबसे कम उम्र में लोकसभा के सांसद बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. चिराग ने अपने बहनोई अरुण भारती को अपना जमुई सीट दे दिया, जहां उन्होंने भी जीत हासिल की. चिराग खुद अपने पिता राम विलास पासवान की सीट हाजीपुर से चुनाव जीतने में सफल रहें. उन्हे एनडीए गठबंधन में पांच सीट मिली थी, जिसमें से उन्होंने सभी सीटों पर जीत हासिल की.
अनंत सिहं को मिली बड़ी राहत
इस साल दूसरी बड़ी खबर को अगर देखे तो बाहुबली मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह को इस साल बड़ी राहत मिली. अनंत सिंह पर वर्ष 2015 में एक-47 रखने का आरोप लगा था और उसे वर्ष 2016 में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. लेकिन पटना हाई कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए आनंद सिंह को इस केस से बरी कर दिया.
प्रशांत ने की जन सुराज की स्थापना
वहीं, इसी साल जन स्वराज नाम के एक पार्टी की स्थापना प्रशांत किशोर ने किया. यह पार्टी अक्टूबर में लांच हुई और पार्टी ने साफ-साफ कह दिया था कि बिहार के सभी सीट पर वह अगले विधानसभा चुनाव लड़ेगी. प्रशांत किशोर लगातार अपने संगठन का विस्तार भी कर रहे हैं.
आनंद मोहन को मिली बड़ी राहत
इस साल की बड़ी घटना में अगर हम बात करें तो बिहार में बाहुबली आनंद मोहन को भी बहुत राहत मिला है और आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद राजद से पाला बदलकर एनडीए में आ गए तो उसके बाद आनंद मोहन पर जितने भी आरोप थे. उन्हें उस मामलों में राहत मिल गई. बिहार सरकार ने उन्हें राहत दिया और आनंद मोहन भी जेल से बाहर निकले.
पप्पू यादव को जान से मारने की धमकी
इस साल की अगर एक और बड़ी घटना की जिक्र करें तो वर्ष 2024 में पूर्णिया से सांसद बने पप्पू यादव को लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े लोगों ने जान से मारने की धमकी दी और यह भी खबर चर्चा में रहा. फिलहाल यह साल जा रहा है और अब फिर से नीतीश कुमार को पाला बदलने की चर्चा का बाजार गर्म है कि अगले साल बिहार के राजनीतिक किस तरह से करवट लेती है.
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