हिमांशु सिंह, डेस्क. साल 2024 को समाप्त होने में बस चंद दिन और बचे हैं. लोग नए साल 2025 का स्वागत करने के लिए बेताब हैं, लेकिन 2024 में उत्तरप्रदेश में कुछ बड़े हादसे भी हुए हैं, जिनको भुला पाना शायद मुश्किल होगा. ये हादसे ऐसे थे, जिसमें कई लोगों की जान गई. लोगों ने हादसे में अपनों को खो दिया. भले ही ये साल बीत जाएगा, लेकिन लोगों की यादों में ये हादसे बस गए हैं, जिनको चाहकर भी भुलाया नहीं जा सकता है. जिन हादसों का हम जिक्र कर रहे हैं, उनमें हाथरस सत्संग भगदड़ हादसा और झांसी मेडिकल कॉलेज अन्निकांड शामिल है. इन दोनों हादसों से यूपी क्या पूरा देश हिल उठा था. भले ही ये घटनाएं पुरानी हैं, लेकिन जख्म अब भी गहरे हैं.
हाथरस भगदड़ कांड
मंगलवार 2 जुलाई का दिन भुला पाना लोगों के बड़ा मुश्किल है. पुलराई गांव में नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ नाम के शख्स का सत्संग था. जहां लाखों की भीड़ इकट्ठा हुई. सत्संग सुनने आए लोग नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ के देखकर पैर छूने के लिए पुरुष, महिला और बच्चे दौड़ पड़े थे. जिसकी वजह से वहां भगदड़ मच गई. उसके बाद लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े. इस दौरान भीड़ गिरे हुए लोगों को कुचलते हुए निकली. इस हादसे में 121 लोगों की जान चली गई. वहीं कई लोग घायल हुए. घटना के बाद ‘भोले बाबा’ फरार हो गया था.
हादसे के बाद शासन-प्रशासन के बीच हड़कंप मच गया था. जिसके बाद पुलिस ने ‘भोले बाबा’ की तलाश में सर्च ऑपरेशन भी चलाया और साथ ही सत्संग आयोजकों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया. घटना के बाद सीएम योगी ने कहा भी था कि दोषी कोई भी हो, वो बचेगा नहीं, उस पर कठोर कार्रवाई होगी. वहीं पुलिस ने मामले की जांच कर 91 दिन बाद कुल 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इस चार्जशीट में नारायण साकार हरि उर्फ सूरजपाल बाबा का नाम नहीं था. 121 लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने 3200 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी.
झांसी अग्निकांड
15 नवंबर की रात झांसी मेडिकल कॉलेज और पूरे देश के लिए कयामत की रात थी. जहां महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल काॅलेज में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में शार्ट सर्किट की वजह से चाइल्ड वार्ड में आग की लपटें धधक उठी. आग लगते ही हड़कंप मच गया. जिस वक्त ये हादसा हुआ, उस वक्त NICU वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे. आग लगता देख चाइल्ड वार्ड की खिड़की तोड़कर कई बच्चों को निकाला गया. लेकिन कई बच्चों को नहीं निकाल पाए. इसकी वजह से कुल 15 नवजात शिशुओं की जान चली गई थी. इस घटना ने न सिर्फ उन बच्चों के परिजनों को झकझोर कर रख दिया था, बल्कि पूरा देश घटना की तस्वीरें देखकर सिहर उठा था. ये घटना जब भी लोगों के जहन में आती है तो रूह कांप उठती है.