Year Ender 2024, विक्रम मिश्रा, लखनऊ. उत्तर प्रदेश के लिए साल 2024 सामान्य साल की तरह नहीं बल्कि एक सहमे हुए साल की तरह ही बीता. संभल और बहराइच जैसी घटनाओं के साथ साल 2024 अब अपने अंतिम पायदान पर खड़ा है. 2024 के दरमियान लूट, रोड होल्डप और डकैती की संख्या में गिरावट जरुर दर्ज की गई. लेकिन प्रदेश में कई जिलों में चोरी की घटनाओं ने पुलिस की पेट्रोलिंग सिस्टम पर लाल निशान लगा दिया. इसी तरह साइबर अपराधों में तो यूपी अव्वल रहा. डिजिटल अरेस्ट तो कोई बैंक कोड से नकदी उड़ा ले गया. पुलिस और प्रशासनिक अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप भी जमकर लगे. कई को जेल भी जाना पड़ा. इसके अलावा यौन शोषण का मामला भी सामने आया. पुलिस अभिरक्षा में हुई दर्जनों मौत ने भी लोगों का ध्यान खींचा. न्याय न मिल पाने की वजह से कई लोगों को लखनऊ आकर मुख्यमंत्री आवास तो कोई विधानसभा के सामने आत्मदाह करके अपनी जान तक गंवाई. सुल्तानपुर समेत कई जिलों में हुए कथित पुलिस मुठभेड़ पर भी खाकी का इकबाल सवालिया घेरे में है.

इस साल बड़ी घटनाओं पर लल्लूराम की नजर

24 नवंबर को उपजे संभल में मस्जिद के सर्वे पर हुए खूनी संघर्ष में पांच लोगों की जान चली गई. यहां पर आगजनी, पथराव, फायरिंग से दर्जनों की संख्या में पुलिस और प्रशासन के लोग भी घायल हुए थे. 13 अक्टूबर को बहराइच के महसी तहसील स्थित महराजगंज कस्बे में नवरात्रि में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए खूनी हिंसा में रामगोपाल मिश्र की गोली लगने से मौत हो गई थी.

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5 नवंबर को प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के भदैनी के राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, पत्नी नीतू, बच्चे नमेन्द्र, सुरेन्द्र और गारांगी की निर्मम हत्या कर दी गई थी.

26 अक्टूबर को राजधानी के चिनहट कोतवाली के हवालात में बंद मोहित की पुलिस अभिरक्षा में मौत हो गई थी. जिसके बाद परिजनों ने मोहित की मौत का का जिम्मेदार पुलिस को बताया था. इस घटना के इतने दिन बीत जाने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.

4 अक्टूबर को अमेठी के शिवरतनगंज में शिक्षक सुनील कुमार, पत्नी पूनम और दो बच्चे सृष्टि, समीक्षा को गोलियों से भून दिया गया था. जिसमे संदेह जाहिर हुआ था कि परिवार की हत्या असनाई के शक में हुई थी.

28 सितंबर को सुल्तानपुर जनपद के चौक में ठठेरी अर्न्तगत सर्राफा की दुकान में बदमाशों ने मालिक और उसके पुत्र को बंधक बनाया और तिजोरी और काउन्टर में से लाखों के जेवर लूटकर भाग गए थे.

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गाजियाबाद में 16 अगस्त को अपहरण कर एक व्यक्ति का क्षत विक्षत हालात में शव बरामद हुआ था. हत्या का कारण प्रेम प्रसंग बताने वाली पुलिस ने 24 अगस्त को पवन, वंश और प्रेमिका अंजली को गिरफ्तार किया था.

अगस्त के महीने में नोएडा में नैनीताल बैंक का सर्वर हैककर 17 करोड़ रुपये निकाल लेने की खबर सामने आई थी. इस घटना में पुलिस ने बीजेपी युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष हर्ष बंसल को गिरफ्तार किया था.

अफसर ने ट्रेन के सामने लगाई थी छलांग

बुलन्दशहर में सीबीआई छापे के बाद 20 अगस्त को पोस्ट ऑफिस के अधीक्षक टीपी सिंह ने खुद को गोली मार ली थी. मौके से बरामद सुसाइट नोट में दफ्तर के कई लोगों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था. इसी तरह इसी ऑफिस में तैनात डाककर्मी राहुल कुमार ने ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी थी. प्रर्वतन निदेशालय दिल्ली के अफसर आलोक रंजन ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर लिया था.

7 अगस्त को आलोक को सीबीआई ने घूस लेने के मामले में गिरफ्तार किया था. फतेहपुर के थरियांव थाने में तैनात सिपाही जौनपुर की प्रिया सरोज ने अपने मंगेतर से फोन पर बात करने के बाद आत्महत्या कर ली थी.

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16 जुलाई को गांव की युवती के द्वारा ब्लैकमेल करने से दुखी होकर गाजियाबाद में सिपाही पम्मी ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.

खाकी की इज्जत पर दाग

नरही थाना तो आपको याद ही होगा? बलिया जिले में जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया ने आजमगढ़ रेन्ज के डीआईजी वैभव कृष्ण के साथ थाना नरही में छापा मारा तो इंस्पेक्टर के कमरे से ट्रक चालकों से लाखों रुपये बरामद हुआ था. बताया जाता है कि नरही क्षेत्र के भरौली तिराहे पर बड़ी संख्या में बक्सर बिहार की तरफ से बलिया में आने वाले ट्रक और वाहनों से प्रतिदिन लाखों की वसूली का आरोप पुलिस पर लगा था. मौके से कई पुलिस कर्मियों को अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था. थाना नरही में पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी. 18 जुलाई को अलीगढ़ के गभाना क्षेत्र में गोकशी की मुखबिरी की सूचना पर गए सिपाही की संदिग्ध हालत में गोली लगने से मौत हो गई थी. जिस पर अभी तक कार्रवाई लंबित है.