Delhi Weather Rain Alert: इस हफ्ते दिल्ली-NCR के शहरों में लगातार बारिश(Barish) होने की संभावना है. मौसम विभाग ने तीन दिनों के लिए अधिक बारिश का पूर्वानुमान लगाया है और इस अवधि के लिए येलो अलर्ट (Yellow Alart)जारी किया है. हालांकि, पूरे हफ्ते बारिश का सिलसिला जारी रहेगा. मौसम विभाग के अनुसार, 25 जून से उत्तर-पश्चिम भारत के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश की गतिविधियाँ देखने को मिलेंगी.
मौसम विभाग ने 23, 24 और 25 जून को दिल्ली और एनसीआर के विभिन्न शहरों में बादल छाए रहने की संभावना जताई है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इन तीन दिनों के लिए तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. इस दौरान वज्रपात की घटनाएं भी हो सकती हैं. झमाझम बारिश से दिल्ली एनसीआर में तापमान में गिरावट आएगी, जिससे लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिलेगी.

मौसम विभाग ने 26 से 29 जून तक दिल्ली और एनसीआर के शहरों में गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. इन चार दिनों में दिल्ली का अधिकतम तापमान 33 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है. भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस पूरे सप्ताह मौसम ठंडा रहेगा, और इस दौरान बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं.
मौसम विभाग ने 23 से 29 जून के बीच उत्तर-पश्चिमी भारत में गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना व्यक्त की है. विभाग के अनुसार, हवा की गति 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि दिल्ली में लगातार बारिश के चलते हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा. इस सप्ताह जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और पंजाब में भी झमाझम बारिश की उम्मीद है.
क्या है मानसून का तय समय?
मॉनसून की रुकावट के कारण जून की शुरुआत में गर्मी का प्रभाव बढ़ गया, जिसके परिणामस्वरूप 8-9 जून से उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के कई क्षेत्रों में लू चलने लगी. हालांकि, 16 जून के बाद मौसम में बदलाव आया, जब बंगाल और गुजरात के निकट दो नए कम दबाव के क्षेत्र विकसित हुए.
मानसून आमतौर पर 1 जून को केरल में प्रवेश करता है, इसके बाद 11 जून को मुंबई और 30 जून को दिल्ली तक पहुंचता है. यह 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है. मानसून की वापसी प्रक्रिया 17 सितंबर के आस-पास उत्तर-पश्चिम भारत से शुरू होती है और 15 अक्टूबर तक देश के सभी हिस्सों से समाप्त हो जाती है.
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मानसून पहले आने का क्या मतलब?
विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून की शुरुआत की तारीख बारिश की कुल मात्रा पर सीधा प्रभाव नहीं डालती. इसका मतलब यह है कि यदि केरल या मुंबई में मानसून जल्दी या देर से शुरू होता है, तो इसका अन्य क्षेत्रों में मानसून के व्यवहार पर कोई निश्चित प्रभाव नहीं पड़ता. यह विभिन्न वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय कारकों पर निर्भर करता है और अक्सर इसमें भिन्नता देखने को मिलती है.
मौसम विभाग ने मई में यह अनुमान लगाया था कि इस वर्ष जून से सितंबर के बीच भारत में औसत से अधिक, अर्थात् 106% बारिश होने की संभावना है. हालांकि, लद्दाख, हिमाचल, पूर्वोत्तर क्षेत्र, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में कम बारिश की आशंका जताई गई है. भारत की कृषि, जो 42% जनसंख्या की आजीविका और जीडीपी का 18.2% योगदान करती है, मानसून पर अत्यधिक निर्भर है.
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