लखनऊ। कोविड-19 के खिलाफ देश-दुनिया में चल रही जंग में उत्तर प्रदेश को बचाने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सफलता को लेकर भले ही भारत में राजनीतिक दल शंका जताएं, लेकिन पाकिस्तान अखबार ने तो योगी आदित्यनाथ को हीरो बना दिया है.
पाकिस्तान के प्रसिद्ध अखबार ‘डॉन’ के संपादक फहद हुसैन ने कोविड-19 के खिलाफ पाकिस्तान की लड़ाई की भारत के प्रांत उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से तुलना की है.
हुसैन ने ग्राफ के जरिए पाकिस्तान और उत्तर प्रदेश में में कोविड -19 की मौत की तुलना करते हुए बताया कि दोनों ने संकट को कैसे संभाला है, और इसका क्या प्रभाव पड़ा है. ग्राफ के अनुसार, पाकिस्तान की आबादी 208 मिलियन है, जबकि यूपी 225 मिलियन है, लेकिन पाकिस्तान में कोविड -19 से संबंधित मृत्यु दर यूपी की तुलना में लगभग सात गुना अधिक है.
फहद के अनुसार, दोनों की ही कमोबेश समान जनसंख्या और साक्षरता दर है. पाकिस्तान में जनसंख्या घनत्व कम है, और प्रति व्यक्ति आय ज्यादा है. फहद ने ट्वीट किया कि यूपी ने लॉकडाउन को लेकर कड़ाई बरती. हमने नहीं… फहद ने केवल पाकिस्तान की उत्तर प्रदेश से ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र से भी तुलना की है, जिससे संबंधित ग्राफ ट्वीट में जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में शिशु मृत्यु दर पाकिस्तान से कम है, वहीं महाराष्ट्र की शिशु मृत्यु दर कहीं ज्यादा है, जबकि उत्तर प्रदेश की तुलना में वहां की आबादी युवा है, और प्रति व्यक्ति आय भी ज्यादा है. हमें बेहतर समझ के लिए उत्तर प्रदेश ने क्या ठीक किया और महाराष्ट्र ने क्या गलत किया, इसको जानना होगा.Here's another graphic comparison this time between Pakistan and Indian state of Maharashtra (prepared by an expert). This shows how terribly Maharashtra has performed in relation to Pakistan. Shows the outcome of bad decisions & their deadly consequences #COVIDー19
— Fahd Husain (@Fahdhusain) June 7, 2020
(1/2) pic.twitter.com/6AHenrznIs
यह ट्वीट फहद ने पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के कोविड-19 से निपटने के तौर-तरीकों को लेकर विस्तृत लेख ‘मैसेज दैट मैटर’ प्रकाशित करने के एक दिन बाद लिखा, जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे कोविड-19 के संक्रमण पर लगाम कसनी चाहिए. और कैसे इससे बाहर आना चाहिए. यह खबर ऐसे समय में आई है जब यूपी में विपक्षी दल राज्य में भाजपा सरकार के कोरोना से लड़ने के तौर-तरीकों पर हमला कर रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान में मीडिया का एक वर्ग यह मानता है कि उनकी सरकार को भी लॉकडाउन को लागू करने में उतनी ही सख्ती बरतनी चाहिए थी, जितनी कि यूपी सरकार की थी क्योंकि इससे मरने वालों की संख्या को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती थी.Here's another graphic comparison this time between Pakistan and Indian state of Maharashtra (prepared by an expert). This shows how terribly Maharashtra has performed in relation to Pakistan. Shows the outcome of bad decisions & their deadly consequences #COVIDー19
— Fahd Husain (@Fahdhusain) June 7, 2020
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