विक्रम मिश्र, लखनऊ. योगी सरकार आगामी 10 सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर खास रणनीति बनाने में जुटी हुई है. इन सीट्स को जीतने में कोई कसर न रह जाए, इसलिए कार्यकर्ताओं को भी साधने के समीकरण पर मुख्यमंत्री स्वयं कार्य कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश की राजनीति में भाजपा हमेशा से एक ध्रुव पर काबिज रही है. हालांकि, बीच के डेढ़ दशक छोड़ दें तो हिंदुत्व के मुद्दे पर भाजपा हमेशा बेबाक ही रही है, लेकिन इस बार 27 के चुनाव से पहले सत्ता के केंद्र में बैठी भाजपा एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रख रही है.
बता दें कि विपक्षियों द्वारा चलाए जा रहे तीर से असहज भाजपा कभी आरक्षण के मुद्दे पर तो कभी सरकार बड़ी या संगठन के मसले पर बैकफुट पर आ जाती है. ऐसे में योगी ने कार्यकर्ताओं को संतुष्ट और जोश भरने के लिए अफसरों की क्लास लगानी शुरू कर दी है. साथ ही साथ निगमों और अन्य प्राधिकरणों में मनोनयन वाले पदों पर ज़मीनी कार्य़कर्ताओं को मौका देने की भी योजना पर कार्य हो रहा है.
प्रदेश में होने वाले उपचुनाव का भले ही जीत हार से सरकार की सेहत पर असर न पड़े, लेकिन इसका संदेश 2027 के चुनाव के लिए बहुत ही खास जाएगा. यही कारण है कि, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस हो या बसपा सभी अपने अपने समीकरण साधने में लगे हुए है.
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