लखनऊ. उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. जिसने साल 2017 और 2022 में लगातार दो बार चुनावी परचम फहरा कर प्रदेश पर प्रथम स्थान हासिल किया है. लेकिन अब 2027 को लेकर भाजपा चिंतित होने लगी है. संगठन और जनता के सामने पुराने प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती योगी आदित्यनाथ पर भरपूर रहेगी. इसीलिए पंचायत चुनाव को लेकर योगी सरकार गंभीर हो चुकी है.

हालांकि ये सभी जानते है कि पंचायत के चुनाव में सत्ता का बहुत प्रभाव रहता है. वोटर्स भी राज्य सरकार को देखते हुए अपना स्थानीय नेतृत्व तय करते हैं. लेकिन फिर भी योगी आदित्यनाथ किसी प्रकार से कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. इसलिए संगठन और सरकार के साथ स्थानीय विधायक सांसदों की ड्यूटी लगाने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही महंगाई के कारण बेनूर हो चुके बाजार की रौनक लौटाने के लिए जीएसटी रिफार्म का प्रचार करने के लिए मुख्यमंत्री योगी खुद सड़को पर उतर रहे हैं.

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इसके अलावा जिलेवार रिपोर्ट का सर्वे भी किया जा रहा है. पंचायतवार रिपोर्ट से विधानसभा चुनाव का भी सर्वे भाजपा कर रही है. साथ ही साथ गांव और नगर पंचायतों में केंद्र और प्रदेश सरकार के की ओर से गए कार्यो का खूब प्रचार प्रसार किया जा रहा है.