लखनऊ. विकास कार्यों की गति बरकरार रखने के लिए योगी सरकार इस बार सबसे बड़ा अनुपूरक बजट लाने की तैयारी में है. यह 42 हजार करोड़ रुपये तक हो सकता है जो कि पिछले बजट 33,768 करोड़ रुपये की तुलना में करीब 8500 करोड़ रुपये ज्यादा होगा. पिछले अनुपूरक बजट में पूंजीगत व्यय के लिए लगभग 20 हजार करोड़ और राजस्व लेखा के लिए करीब 13756 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. इस बार इसमें 25 फीसदी तक वृद्धि हो सकती है.
मिली जानकारी के अनुसार, 28 नवंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान अनुपूरक बजट में विकास योजनाओं पर खास प्रावधान हो सकता है. हाल में गठित तीन तीर्थ विकास परिषद और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) को धरातल पर लाने के लिए धन की व्यवस्था हो सकती है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले हफ्ते दो नये लिंक एक्सप्रेस वे की घोषणा की थी. कहा था कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने के 60 किलोमीटर के नये लिंक एक्सप्रेस-वे की जरूरत है. इसी तरह चार लेन के 14 किमी लंबे चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे के लिए भी जल्द विकासकर्ता के चयन और फर्रूखाबाद को गंगा एक्सप्रेस वे से जोड़ने का प्रस्ताव बनाने को कहा था.
गौरतलब है कि पांच एक्सप्रेस के दोनों किनारों पर तीस औद्योगिक गलियारों की स्थापना के लिए प्रारंभिक राशि का प्रावधान होने की संभावना है. 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह सर्वोच्च प्राथमिकता है. ऐसे में अयोध्या क्षेत्र के विकास के लिए अच्छी खासी राशि का प्रावधान किया जा सकता है. गन्ने के बकाया भुगतान के लिए स्पेशल पैकेज भी लाया जा सकता है.