लखनऊ. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने नवनियुक्त मंत्रियों के निजी सचिव (पीएस), सहायक पीएस, समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक आरओ के रूप में महिला कर्मचारियों को नियुक्त करने का अपना फैसला वापस ले लिया है. उन्होंने यह निर्णय महिला कर्मचारियों के विरोध के बाद लिया है. महिला कर्मचारियों ने कहा है कि वे मंत्रियों की निजी सचिव के रूप में विषम घंटों में काम करने और उनके साथ यात्रा करने में ‘असहज’ महसूस करेंगी.

मुख्यमंत्री ने पहले एक नई प्रणाली को मंजूरी दी थी, जहां कर्मचारियों के चयन को डिजिटल किया गया था और मंत्रियों को सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा कंप्यूटर लॉटरी के माध्यम से छांटे गए उम्मीदवारों की सूची में से चुनने के लिए कहा गया था. नई सूची में पिछले पांच वर्षो में किसी भी मंत्री के साथ काम करने वाले किसी भी सहायक कर्मचारी को नहीं रखा गया है. शासन और सामान्य प्रशासनिक कार्यो में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया था, जिसमें 20 प्रतिशत को नए मंत्रियों के साथ पीएस, सहायक पीएस, आरओ और सहायक आरओ के रूप में प्रतिनियुक्त करने की योजना थी.

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इस फैसले ने ‘व्यावहारिक कारणों’ से कई मंत्रियों को पहले ही असहज कर दिया था. क्योंकि वे महिला कर्मचारियों के साथ देर रात तक काम करने और उनके साथ यात्रा करने के अभ्यस्त नहीं हैं.