कानपुर देहात. यूपी की योगी सरकार लगातार बुलडोजर चला रही है. सोमवार को कानपुर देहात में मौत का बुलडोजर गरजा. मां-बेटी ने आशियाना बचाने के लिए झोपड़ी के अंदर चली गईं. इसके बाद मां-बेटी चीखने-चिल्लाते हुए कहने लगी कि इन लोगों ने आग लगा दी है. कुछ ही देर में दोनों जिंदा जल गई. इधर बेधड़क बुलडोजर चलता रहा. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम पर मां-बेटी की हत्या का दाग लग गया. दरअसल, सोमवार को कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम पहुंची थी. इस दौरान झोपड़ी के भीतर मां-बेटी जिंदा जल गए. आक्रोशित लोगों ने आग लगाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया. 

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लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया. अफसरों की टीम को दौड़ा लिया. भीड़ का गुस्सा देख टीम के अन्य लोग भाग खड़े हुए. बाद में गुस्साए लोगों ने एसडीएम, रुरा इंस्पेक्टर, तहसीलदार व लेखपाल समेत गांव के 10 लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग करते हुए शवों को नहीं उठाने दिया. देर रात तक मंडलायुक्त और आईजी, डीएम लोगों को समझाया, लेकिन परिजन नहीं माने. मंगलवार सुबह उच्चाधिकारी फिर से परिजनों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं. परिजन पांच करोड़, सरकारी नौकरी और दोनो बेटों के लिए आवास की मांग पर अड़े हैं.

वहीं, घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें पूरा सच नजर आ रहा है. इस वीडियो में प्रमिला और उसकी बेटी शिवा जलती हुई झोपड़ी के अंदर सही सलामत मौजूद दिख रही है. जबकि, गेट के बाहर पुलिस प्रशासन दल-बल के साथ खड़ा नजर आ रहा है. जैसे ही झोपड़ी पर बुलडोजर चलाना शुरू होता है तो प्रमिला बाहर से चिल्लाते हुए झोपड़ी के अंदर आते दिखी. इसके बाद जान देने की बात कहते हुए उसने अंदर से गेट बंद कर लिया. यह देखकर कुछ महिला सिपाही गेट के पास पहुंचीं और धक्का मारकर गेट खोल दिया. गेट खुलते ही अंदर रही प्रमिला चिल्लाते हुए सुनाई दे रही है कि इन लोगों ने आग लगा दी. 

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उस वक्त आग सिर्फ छप्पर पर लगी नजर आ रही थी. जबकि, महिलाएं सकुशल खड़ी दिखीं. इसी बीच एक शख्स चिल्लाता है कि पानी लाओ, आग लगा ली. प्रमिला फिर से चिल्लाते ही कि इन लोगों ने आग लगा दी. इसी बीच बुलडोजर से झोपड़ी को गिरा दी जाती है. महिला का बेटा चिल्लाता हुआ सुनाई दे रहा है.

भाई शिवम ने रोते हुए कहा कि एसडीएम, लेखपाल समेत कई अफसर, रुरा इंस्पेक्टर व गांव के कई लोग घटना में शामिल हैं. कहा कि वह भी घटना के वक्त मां व बहन के साथ झोपड़ी में सो रहा था. आग लगने पर वह भागकर आ गया. फिर मां व बहन को बचाने के लिए भीतर गया, लेकिन दोनों के शरीर का वजन ज्यादा था. इसलिए उन लोगों को उठाकर बाहर नहीं ला सका और दोनों की मौत हो गई. इस दौरान कब्जा हटाने आए लोग वहां से भाग गए.

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