LOCAL NEWS: लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट मोड पर है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद राज्य और जिले स्तर पर तैयारियों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है. इसी के तहत मंकीपॉक्स रोगियों के इलाज के लिए कोविड अस्पतालों में 10 बेड आरक्षित किए गए हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर रोगियों का आइसोलेशन और इलाज किया जा सके. राज्य सरकार की ओर से मंकी पॉक्स के सर्विलांस और प्रबंधन से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर हर जिले की सर्विलांस इकाई को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. इसके अलावा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भी अधिकारियों को जानकारी दी गई है.

जिला स्तरीय अस्पतालों और CMO के अधीन कार्यरत डॉक्टरों में से मास्टर ट्रेनर्स का ऑनलाइन प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है. इन मास्टर ट्रेनर्स की ओर से मंडलीय, जनपदीय, ब्लॉक स्तरीय चिकित्सालयों, नगरीय स्वास्थ्य इकाइयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सकों और पैराचिकित्सा कर्मियों का भी प्रशिक्षण कराया जाएगा. इसके अलावा सर्विलांस के लिए कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स (एएनएम और आशा) को भी ब्लॉक स्तरीय चिकित्सालयों और नगरीय स्वास्थ्य इकाइयों के प्रशिक्षित चिकित्साधिकारियों की ओर से कराया जाएगा. मंकीपॉक्स से बचाव और संभावित रोगियों के समय पर इलाज के लिए जारी आदेशों का कड़ाई के साथ अनुपालन करने के निर्देश दिए गए हैं.

KGMU की लैब में होगी सैंपलों की जांच

संभावित रोगियों के नमूनों की जांच राज्य स्तर पर केजीएमयू (KGMU) की प्रयोगशाला में होगी. क्लिनिकल सैंपलों के संग्रह और परिवहन से संबंधित ज्यादा जानकारी के लिए केजीएमयू (KGMU) के दो चिकित्सकों का नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भी जारी की गई है.

घावों को ढककर रखें

रोगी के संपर्क में आने वाली किसी भी सामग्री जैसे बिस्तर आदि के संपर्क में आने से बचें. रोगियों को दूसरों से अलग आइसोलेट रखें. रोगियों की देखभाल करते समय पीपीई किट का उपयोग करें. किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के विषय में तत्काल जिला, राज्य और केंद्रीय सर्विलांस इकाई को सूचित करें. रोगी को घर पर भी आइसोलेशन में रखा जा सकता है और जरूरत पड़ने पर अस्पताल में भी भर्ती कराया जा सकता है. दूसरों के साथ संपर्क के जोखिम को कम करने के लिए घावों को ढंका जाना चाहिए. सभी घावों के ठीक होने पर ही आइसोलेशन की अवधि खत्म होगी.

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