लखनऊ. उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने यूपी के मदरसों को लेकर बड़े फैसले लिए है. मदरसा बोर्ड के चार महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है. जिससे यूपी के मदरसा शिक्षकों को बड़ी राहत मिलने वाली है. शिक्षा विभाग की तर्ज पर अब मदरसा शिक्षकों को भी तमाम सुविधाओं की सौगात मिलेगी.
एक लंबे वक्त से मदरसा शिक्षक मांग करते आए है कि उनको भी अन्य शिक्षको की तर्ज पर परस्पर स्थानांतरण की सुविधा मोहय्या कराई जाए. मदरसा शिक्षकों की मांग पर अब सरकार ने शिक्षकों को राहत देते हुए राज्य अनुदानित मदरसों में सेवाएं दे रहे शिक्षकों के स्थानांतरण को शासन से मंजूरी दे दी है. जिसके लिए दोनों मदरसों के प्रबंधकों की लिखित सहमति जरूरी होगी. हालांकि शिक्षकों का ट्रांसफर सामान पद के लिए ही हो सकेगा.
मृतक आश्रित को मिलेगी नौकरी
उत्तरप्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के प्रस्ताव पर अब सरकार ने मुहर लगाते हुए मृतक आश्रित की नियुक्ति के लिए भी नया आदेश जारी कर दिया है. विभिन्न सरकारी विभागों की तर्ज पर अब मदरसा शिक्षकों के मृतक आश्रितों को भी मदरसों में नौकरी मिल सकेगी जो योगी सरकार का बड़ा फैसला माना जा रहा है और मदरसों से जुड़े लोगों के लिए भी खुशी बिखेरने वाला है.
मदरसा शिक्षिकाओं को सरकार ने दी बड़ी राहत
यूपी के मदरसों को लेकर सरकार के बड़े फैसलों में महिला शिक्षिकाओं को भी बड़ी राहत मिली है. मदरसों में काम करने वाली सभी महिलाओं को सरकारी महिला कर्मचारियों की तर्ज पर मातृत्व अवकाश दिया जाएगा. मदरसा बोर्ड की बीते दिनों हुई बैठक में चेयरमैन डॉक्टर इफ्तिखार अहमद जावेद ने महिलाओं की समस्याओं को देखते हुए इस प्रस्ताव को रखा था.
नए मदरसों की मान्यता के खुलेंगे रास्ते, जल्द होगा सर्वे टीम का गठन
यूपी मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि 16513 मान्यता प्राप्त मदरसों के अलावा बिना मान्यता के और कितने मदरसे प्रदेश में संचालित है, इसकी जानकारी सर्वे कराकर की जाएगी. जिसके लिए सर्वे टीम का गठन जल्द किया जाएगा. गौरतलब है कि पिछले सात वर्षों से उत्तरप्रदेश मदरसा बोर्ड ने किसी भी नए मदरसों को मान्यता नहीं दी है. इन सात वर्षो में प्रदेश की आबादी स्वाभाविक रूप से बड़ी है. मान्यता बंद होने से नए मदरसे बोर्ड से नहीं जुड़ पा रहे है. इसके लिए सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए मदरसों का सर्वे कराने का निर्णय लिया है जिससे अब यह कयास लगाए जा रहे है कि जरूरत के ऐतबार से प्रदेश में नए मदरसों को भी एक लंबे समय के बाद मान्यता मिल सकती है.
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