मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में गुड गवर्नेंस को लेकर कड़ा आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत सभी एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने तहसील मुख्यालयों में ही निवास करें ताकि जनसमस्याओं का समय पर निराकरण किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने सभी कमिश्नर और जिलाधिकारियों (डीएम) को आदेश के सख्ती से अनुपालन के निर्देश दिए हैं। साथ ही, सभी डीएम को 7 दिनों के अंदर इसका सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
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शासन स्तर से तहसीलों का आकस्मिक निरीक्षण भी किया जाएगा ताकि आदेश का पालन सुनिश्चित हो सके और किसी भी प्रकार की लापरवाही ना हो। योगी सरकार के इस कदम का उद्देश्य प्रदेश में गुड गवर्नेंस को बढ़ावा देना और जनता की समस्याओं का समय पर समाधान करना है।
सरकार की छवि में होगा सुधार
सरकार की तरफ से लिए गए इस फैसले का उद्देश्य यह है कि उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदार ज्यादा से ज्यादा समय अपनी तहसील में बिताएं एवं जनसामान्य की समस्याओं को सुनकर निर्धारित समयसीमा के अंतर्गत उसका निराकरण करने का प्रयास करें। इससे न सिर्फ अधिकारियों की, बल्कि सरकार की छवि में भी सुधार होगा। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।
समस्या निराकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्य सचिव की ओर से मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को जो निर्देश दिए गए हैं, उसके अनुसार जनसमस्याओं का समय पर निराकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार की गुड गवर्नेंस की प्रतिबद्धता के लिए यह आवश्यक है कि तहसील स्तरीय प्रशासन पूरी सजगता व तत्परता से कार्य करें। इस निर्देशन व पर्यवेक्षण को सशक्त बनाने के लिए यह आवश्यक है कि संबंधित तहसीलदार एवं उपजिलाधिकारी जिस तहसील में तैनात हैं, वहीं निवास करें। तहसील राजस्व प्रशासन के अंतर्गत सौंपी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी तरह हो, यह सुनिश्चित करना संबंधित जिलाधिकारी व मंडलायुक्तगण का प्राथमिक दायित्व है।
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