गोरखपुर. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को गोरखपुर पहुंचे. जहां उन्होंने एकता यात्रा का शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि आज से 75 जनपदों के एकता यात्रा को आयोजन हो रहा है. राज्य के 403 विधानसभा क्षेत्र में 10 किलोमीटर की यात्रा होगी. इसके साथ ही सीएम योगी का संबोधन आज वंदे मातरम् पर केंद्रित रहा. उन्होंने कहा कि प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में इसका गायन अनिवार्य करवाएंगे. सीएम ने कहा वंदे मातरम राष्ट्रगीत के प्रति सम्मान का भाव होना चाहिए. उत्तर प्रदेश के हर शिक्षण संस्थान में “वंदे मातरम” का गायन अनिवार्य कराएंगे. जिससे यूपी के हर नागरिक के मन में भारत माता के प्रति, अपनी मातृभूमि के प्रति सम्मान जागृत हो सके. इसी भाव के साथ आज हम सब यहां पर आए हैं.

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कुछ लोगों के लिए आज भी भारत की एकता और अखंडता से बढ़कर उनका मत और मजहब बड़ा हो जाता है, उनकी व्यक्तिगत निष्ठा महत्वपूर्ण होत जाती है. गुरुदेव रविंद्र टैगोर ने भी कांग्रेस से अधिवेशन में इसे गाया गया. कांग्रेस से हर अधिवेशन में वंदे मातरम का गायन होता था. लेकिन 1923 में मोहम्मद अली जौहर अध्यक्ष बने तो उन्होंने वंदे मातरम गाने से इनकार कर दिया था और उठकर चले गए थे. वंदे मातरम के विरोध का कोई औचित्य नहीं. वंदे मातरम् का इस प्रकार का विरोध भारत के विभाजन का दुर्भाग्यपूर्ण कारण बना था. कांग्रेस ने यदि उस समय मोहम्मद अली जौहर को अध्यक्ष पद से बेदखल करके वंदे मातरम के माध्यम से भारत की राष्ट्रीयता का सम्मान किया होता तो भारत का विभाजन नहीं होता.
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ये हर भारतीय का आवाहन करने वाला गीत है- योगी
योगी ने आगे कहा कि ‘बाद में कांग्रेस ने एक कमेटी बनाई कि वंदे मातरम गीत में ही संशोधन कर दिया जाए. 1937 में रिपोर्ट आई और कांग्रेस ने कहा कि इसमें कुछ ऐसे शब्द हैं जो भारत माता को दुर्ग, लक्ष्मी, सरस्वती के रूप में प्रस्तुत करते हैं, इनको संशोधित कर दिया जाए’. ये गीत धरती माता की उपासना का गीत है. ये हर एक भारतीय का आवाहन करता रहा है. लेकिन कांग्रेस की ये तुष्टिकरण की नीति देश के विभाजन का कारण बनी. आज भी हम सब ये मानते थे कि भारत के अंदर रहने वाले लोग यहां की अखंडता का बनाए रखने का कार्य करेंगे. लेकिन वंदे मातरम के 150वें वर्ष पूरा होने पर जो आयोजन हुआ, उसमें सपा के एक सांसद ने राष्ट्रगीत का विरोध कर दिया. यह वही लोग है जो लौह पुरुष सरदार पटेल जी जयंती में शामिल नहीं होते लेकिन जिन्नाह को सम्मान देने का कार्यक्रम में शामिल होते है.
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