रायपुर. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए एकादशी तिथि को शुभ माना जाता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह में योगिनी एकादशी मनाई जाती है. इस दिन श्रीहरि और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के साथ ही व्रत किया जाता है. इस साल योगिनी एकादशी 21 जून, शनिवार को है. पंचांग के आधार पर योगिनी एकादशी पर भद्रा का साया रहेगा. मान्यता है कि इस दिन जगत के पालन हार भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. पं. जितेन्द्र शर्मा के अनुसार योगिनी एकादशी प्रीति योग में है, हिंदू पंचांग के अनुसार, योगिनी एकादशी पर भद्रा 2.17 मिनट रात्रि से 1.12 मिनट तक रहेगी, पर व्रत में भद्रा का औचित्य नहीं होता.

योगिनी एकादशी इस वर्ष 21 जून को स्मार्त एवं 22 जून को वैष्णव मत वालों के लिए होगा’. योगिनी एकादशी को भगवान नारायण की पूजा की जाती है जो भगवान विष्णु का ही एक रूप है. इस एकादशी को व्रत करने से सभी प्रकार के पापों का शमन हो जाता है. इस दिन प्रातःकाल स्नान के उपरांत व्रत का संकल्प लेकर दूध, दही, घी, शहद, शक्कर से विधिवत स्नान कराकर और वस्त्र, चंदन, फूल, तुलसी चढ़ाकर पूजा की जानी चाहिए. धूप दीप से नैवेद्य करना चाहिए. भगवान के द्वादशाक्षर मंत्रों का जप करें, हवन आदि करना चाहिए. साथ ही इस एकादशी को वस्त्र, दूध आदि का दान करना चाहिए. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, योगिनी एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है. जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.
पौराणिक मान्यता
पौराणिक कथा अनुसार यक्ष राज कुबेर अपने महल में प्रतिदिन शिव की पूजा करते थे जिसके लिए उनके दूत हेम माली मानसरोवर से पुष्प लाते थे. पर एक दिन पुष्प लाकर सीधे पत्नी के पास चले गए. इससे पुष्प समय पर न पहुंच पाने के कारण कुबेर के श्राप से उनको कोढ़ हो गया और वह धरती पर गिर गया. एक दिन मार्कण्डेय ऋषि के द्वारा उनकी दशा देख कर उन्हें योगिनी एकादशी का व्रत करने को कहा गया. व्रत करने से हेम माली उसका पाप नष्ट हो गया. व्रत के दौरान इस कथा को सुननी चाहिए.
योगिनी एकादशी पूजन मुहूर्त
योगिनी एकादशी पर पूजन का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:04 से सुबह 4:44 बजे तक रहेगा. अभिजित मुहूर्त सुबह 11:55 से दोपहर 12:51 बजे तक रहेगा. अमृत काल दोपहर 1:12 बजे से दोपहर 2:41 बजे तक रहेगा. योगिनी एकादशी व्रत पारण का समय-योगिनी एकादशी व्रत का पारण 22 जून को किया जाएगा. व्रत पारण का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 47 मिनट से शाम 4 बजकर 35 मिनट तक रहेगा.