सभी का बैठने का तरीका अलग अलग होता है। कुछ लोग सीधे बैठते हैं, कुछ लोग पैर फैलाकर, कुछ लोग बैठे हुए पैर हिलाते रहते हैं, तो कुछ लोग पैर पर पैर चढ़ाकर बैठते हैं। इसी तरह कुर्सी और सोफा पर बैठने का हमारा अलग-अलग तरीका होता है। मगर ज्यादातर लोग बैठे हुए अपने एक पैर को दूसरे पैर पर चढ़ा लेते हैं। कभी-कभार ऐसे बैठने में कोई हर्ज नहीं है, मगर यदि आपका काम ऐसा है कि आपको रोजाना दिन में कई घंटे इसी पोजीशन में पैर पर पैर चढ़ाकर बैठना पड़ता है, तो ये आदत आपके लिए खतरनाक हो सकती है।
जी हां, लंबे समय में क्रॉस लेग करके बैठना आपकी सेहत को कई तरह से प्रभावित करता है। बैठने उठने के तरीके भी आपकी सेहत से जुड़े होते हैं। अक्सर देखा गया है कि चाहे लड़के हो या लड़कियां दोनों ही पैरों को क्रॉस करके बैठते हैं।
ऐसा करने पर उन्हें काफी आराम मिलता है और कभी-कभी ये आराम उनके स्टाइल में भी शुमार भी हो जाता है। लेकिन क्या आपको पता है बैठने का ये तरीका आपको बीमारियों की तरफ ले जा रहा है। आइए आपको बताते हैं इस आदत के संभावित नुकसान।
शरीर का पोश्चर बिगड़ता है।
पैर पर पैर चढ़ाकर बैठने की आदत से आपके शरीर का पोश्चर बिगड़ सकता है। दरअसल जब आप पैर पर पैर चढ़ाकर बैठते हैं, तो इस पोजीशन में बैठने के लिए आपके पेल्विस के हिस्से को मुड़ना पड़ता है। इसके अलावा इस तरह देर तक बैठने से पेल्विस के हिस्से में दवाब बढ़ता है। इससे आपको थोड़े दिनों में ही कमर दर्द की शिकायत हो सकती है और लंबे समय में आपकी रीढ़ की हड्डी पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है। कुछ मामलों में नसों में तनाव की भी समस्या हो सकती है।
दिल पर डालता है खराब असर
जब आप पैरों को क्रॉस करके बैठते है तो पैरों की नर्व्स दब जाती है। ऐसे में ब्लड का सर्कुलेशन पैरों की तरफ न जाकर हार्ट की ओर वापस आने लगता है, जो हार्ट के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
घुटने हो सकते हैं कमजोर
रोजाना कई घंटों तक पैर पर पैर चढ़ाकर बैठने की आदत आपके घुटनों को कमजोर कर सकती है और पैरों में दर्द का कारण बन सकती है। लंबे समय में ये स्थिति आपको घुटनों और हड्डियों से जुड़ी कई और बीमारियों का शिकार बना सकती है। दरअसल पैर पर पैर चढ़ाकर बैठने से अक्सर एक घुटने पर दबाव बढ़ जाता है। ऐसे में अगर आप देर तक इसी पोजीशन में बैठते हैं, तो ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और हड्डियां कमजोर होती हैं।
पैरों की नसों पर असर
पैरों को क्रॉस लेग या यूं कहे कि मोड़कर बैठना आपकी गर्दन और बैक के अलावा पैरों की नसों के लिए खतरा बन सकता है। इस तरह से बैठने पर पैर की पेरोनोल नर्व पर दबाव पड़ता है। ये नर्व knee के नीचे और पैर के बाहर से जाती है। पैर मोड़कर बैठने से इस नस पर प्रेशर पड़ता है जिससे मांसपेशियां अकड़ने लगती है और अस्थायी पैरालिसिस होने की आशंका रहती है।
स्पाइडर वेंस का खतरा
ज्यादा समय तक एक पैर को दूसरे पैर पर रखकर बैठने से आप स्पाइडर वेंस के शिकार हो सकते हैं। क्योंकि एक पैर को दूसरे पैर पर रखकर बैठने से पैरों में पहुंचने वाला खून रुक कर वापस दिल में ही सर्कुलेट हो जाता है। जिस कारण आपके पैरों में सूजन आने लगती है। साथ ही आपके पैरों की नसें कमजोर हो जाती हैं।
ब्लड सर्कुलेशन
टांग पर टांग चढ़ाकर बैठने की वजह से दिल में ज्यादा ब्लड पहुंचता है। क्योंकि जब आप पैरों को क्रॉस करके बैठते हैं तो ब्लड ऊपर से नीचे की तरफ आना बंद कर देता है और हार्ट उल्टा पंप करना शुरु कर देता है। जिस वजह से बॉडी में ब्लड सर्क्यूलेशन बिगड़ जाता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक
गर्भवती महिलाओं के लिए पैर पर पैर चढ़ाकर बैठने की आदत खतरनाक हो सकती है। जब पेट बढ़ना शुरू होता है, तो बॉडी में भी कई बदलाव आते हैं। पेट बढ़ने से पूरे शरीर की अपेक्षा पेट गुरुत्वार्षण का केंद्र बन जाता है, क्योंकि वो आगे की तरफ लटक रहा होता है। इसलिए ऐसे समय में पैर पर पैर चढ़ाकर बैठने से गर्भ पर दबाव पड़ता है। इसके अलावा ये आदत आपके पैरों में दर्द या एड़ियों में सूजन का कारण बन सकती है। इसलिए हमेशा कुर्सी पर दोनों पैर नीचे रखकर बैठना चाहिए या सोफा पर दोनों पैर फैलाकर बैठना चाहिए।
पीठ और गर्दन में दर्द
क्रॉस लेग में बैठने से हिप्स पर काफी प्रेशर होता है और इससे पेल्विक बोन पर भी बुरा असर पड़ता है। पेल्विक रीढ़ की हड्डी को सपोर्ट करती है और जब इसमें दिक्कत होती है तो गर्दन और पीठ के निचले और मध्य भाग में भी दर्द पैदा होने लगता है।
नर्व पैरालिसिस का खतरा
लंबे वक्त तक पैरों को क्रॉस करके बैठते हो तो इससे पैरों की नसों को नुकसान पहुंच सकता है। क्योंकि ऐसे बैठने पर पैरों की नसों पर प्रेशर बढ़ जाता है जिस वजह से नसों के डेमेज होने का खतरा रहता है। इतना ही नहीं बल्कि इस पोस्चर में बैठने से व्यक्ति पेरोनोल नर्व पैरालिसिस का शिकार भी हो सकता है।