रायपुर. वर्तमान में हर चीज में बहुत ज्यादा कंपिटीशन बढ़ गया है, जिसकी वजह से किसी भी क्षेत्र में युवाओं के सफल होने के चांस केवल तभी सबसे ज्यादा होते हैं जब उससे संबंधित जानकारी भी रखते हो. यहां से शुरू होता है करियर काउंसलर का रोल, यह छात्रों को सलाह देता है कि वह कौन से विषय में अपना करियर बना सकते हैं और इस प्रकार उन्हें एक सही दिशा दिखाकर उनकी समस्या का समाधान करता है. इस प्रकार से एक करियर काउंसलर युवाओं की इंटरेस्ट, स्किल्स के आधार पर उन्हें सही फील्ड चुनने में मदद करता है.

एजुकेशन व कोर्स

अगर आप करियर काउंसलर बनना चाहते हैं तो आपको इससे जुड़ा हुआ कोर्स करना होगा. यह कोर्स आप 12वीं व ग्रेजुएशन के बाद कर सकते हो. 12वीं के बाद आप बीए इन साइकोलॉजी, बीए ऑनर्स इन साइकोलॉजी, बीएससी इन साइकोलॉजी आदि कर सकते हैं. इसके बाद आप इन्‍हीं विषयों में मास्‍टर की डिग्री ले सकते हैं. वहीं आप करियर काउंसलिंग में पीजी डिप्लोमा इन साइकोलॉजी, पीजी डिप्लोमा इन गाइडेंस एंड काउन्सलिंग जैसे डिप्‍लोमा का कोर्स भी कर सकते हैं.

करियर स्‍कोप

करियर काउंसलर का कोर्स पूरा करने के बाद आप स्‍कूल, कॉलेज, विश्‍वविद्यालय, कोचिंग सेंटर आदि शिक्षण संस्थानों में आसानी से जॉब कर सकते हैं, क्योंकि आज हमारे देश में बहुत सारे शिक्षा संस्थान है, जहां पर करियर काउंसलर की आवश्यकता होती है. इसके अलावा न्यूज़पेपर व मैग्‍जीन में काम कर सकते हैं, क्योंकि करियर काउंसलर के लिए जो कॉलम होता है वहां पर वह लेखन कार्य कर सकते हैं. साथ ही अगर चाहें तो अपना खुद का इंस्टीट्यूट भी खोल सकते हैं और इसके अलावा सेमिनार में भी इनको इनवाइट किया जाता है. इस तरह से कैंडिडेट को रिसर्च फील्ड में भी काम करने का अवसर मिलता है जहां पर वह नई – नई चीजों को जानकर दूसरे लोगों को बताता और समझाता है.