रायपुर. राजधानी के देवेंद्र नगर स्थित “श्री नारायणा हॉस्पिटल” ने बीते 13 साल में लीवर और गैस्ट्रोइन्ट्रोलॉजी सेगमेंट में देशभर में अपनी अलग पहचान बनाने में बड़ी उपलब्धी हासिल की है. नारायणा हॉस्पिटल में एक 24 साल के मरीज की सफल हिपेटेक्टामी सर्जरी की गई है, यानी मरीज के लीवर के खराब हो चुके हिस्से को सर्जरी कर निकाला गया और उसकी जान बचाई गई.

हॉस्पिटल के लीवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. हितेश दुबे ने बताया, कि पेशे से टाइल्स मजदूर,  उड़वाकन, बिलाईगढ़ के निवासी मुकेश पटेल को हैदराबाद में टाइल्स फिटिंग के दौरान पेट में गंभीर चोंट आई थी. वहां 6-6 फुट के टाइल्स का बंच उसके पेट पर गिरने से  उसे आंतरिक चोंट आई और वह बेहोश हो गया. जिसके बाद उसे हैदराबाद के यशोदा हॉस्पिटल में उपचार के लिए लेजाया गया. वहां उसके सीटी स्कैन में पता चला कि उसके लीवर और किडनी में काफी गंभीर चोंटें आई हैं, लेकिन आर्थिक मजबूरी के चलते उसे बिना इलाज के ही घर लौटना पड़ा.

मरीज को रायपुर श्री नारायणा हास्पिटल में डॉ.हितेश दुबे के पास लाया गया तो जांच में लीवर और किडनी की जटिल चोटों के अलावा लीवर और किडनी के आसपास काफी मात्रा में खून जमा हुआ पाया गया. डॉक्टर ने बताया कि गंभीर चोट लगने के कारण लीवर के दाएं भाग में खून की सप्लाई बंद हो गई थी, जिसकी वजह से वहां पर सड़न प्रारंभ हो गई थी. इसलिए मरीज की जान बचाने के लिए डॉक्टर ने ऑपरेशन कर उसके लीवर के 60 ℅ भाग जो खराब हो चुका था उसे निकाल दिया गया.

बता दें, हिपेटेक्टामी सर्जरी अपने आप में बहुत बड़ी और रेयर सर्जरी है. डॉक्टर ने बताया कि युवक के लीवर में जिस जगह चोट लगी थी, वहां से पित्त का रिसाव हो रहा था. इसलिए अगर हिपेटेक्टामी सर्जरी नहीं किया जाता, तो लीवर से निकलने वाला सारा पित्त पेट में ही इकट्ठा होने लगता, और इंफेक्शन फैलने से मरीज की जान बचाना मुश्किल हो जाता.

डॉ. हितेश ने बताया कि जिस प्रकार शरीर में बाल और नाखून काटने पर स्वत: ही बढ़ जाते हैं ठीक वैसे ही, लीवर भी सर्जरी होने के बाद अपने-आप ही दो सप्ताह के अंदर 80-90% तक रीजेनरेट हो जाता है. सर्जरी होने के बाद मरीज अब पूर्णतः स्वस्थ है.  आठ घंटे की इस जटिल सर्जरी में एनेस्थेटिक डॉ. निशान्त त्रिवेदी और गैस्ट्रो सर्जरी टीम का योगदान सराहनीय रहा.

लीवर ट्रांसप्लांट की भी सुविधा शुरू

हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ.सुनील खेमका ने बताया कि हिपेटेक्टॉमी जैसे लीवर और पेट के अत्यंत ही जटिल आपरेशनों की सुविधा अब श्री नारायणा हॉस्पिटल में उपलब्ध है. लीवर रोगों के कई गंभीर मरीजों की जान हम अपने अथक प्रयासों से यहां पर बचा चुके हैं. आसपास के अन्य प्रांतों के पेट एवं लीवर के गंभीर मरीज मेट्रो शहर जाने की बजाय अब अपने प्रांत छत्तीसगढ़ में ही कराने लगे हैं. इसके अलावा अब यहां पर लीवर ट्रांसप्लांट सर्जरी की सुविधा भी उपलब्ध है.