सुदीप उपाध्याय, वाड्रफनगर। बेहतर पुलिसिंग के लिए जिन पुलिस कर्मियों को प्रदेश के डीजीपी और सरगुजा आईजी सम्मानित करने की बात कहते हैं, उन्हीं पुलिस कर्मियों की प्रताड़ना से तंग आकर युवक ने जहर पी लिया, और अब हॉस्पिटल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है.
मामला जिले के रघुनथनागर थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत सरना का है, जहां 30 वर्षीय बंस बहादुर और उसकी बहन के बीच पारिवारिक विवाद पर एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत की थी. पीड़ित बंस बहादुर ने बताया कि 17 जून की शाम रघुनाथनगर थाना में पदस्थ एसआई अश्वनी दीवान विवेचना के लिए अन्य पुलिस कर्मियों के साथ मेरे घर आए और घुसते ही मुझे डंडे से पीटने लगे साथ ही मेरी पत्नी को भी बाल पकड़ कर खींचते हुए घर से बाहर निकल दिए.
बंस बहादुर ने बताया कि उसे गाड़ी में बैठा कर ले जाने लगे और बोले कि सुबह तुमको झूठे केस में फंसा कर जेल भेज देंगे. इसी दौरान डर से मैं गाड़ी से कूद कर भाग गया. पीड़ित युवक ने बताया कि झूठे केस में फंसाने और पिटाई के डर से मैं जहर पीकर खुद को समाप्त करना चाहता था, क्योंकि एसआई ने मुझे पूर्व में भी काफी प्रताड़ित किया गया है. फिलहाल, पीड़ित युवक जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रहा है.
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक टीआर कोसीमा ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को जांच के लिए टीम बनाने निर्देशित किया गया है. जांच कर कार्रवाई की जाएगी.