लखनऊ. पाकिस्तान के कराची जेल में बंद जौनपुर के घूरहू बिंद को पुलिस ने इस कदर पीटा कि उसने फांसी लगाकर जान दे दी. उनका शव 19 अप्रैल की सुबह जौनपुर पहुंचने वाला है. अब भी उसके सात साथी कराची जेल में बंद हैं और सब डरे हुए हैं. अब सभी सात बंदियों के परिजनों ने उन्हें कराची जेल से छुड़ाकर वापस वतन लाने के लिए ग्रामीणों ने भारत सरकार से अपील की है.

दरअसल, जौनपुर के मछलीशहर कोतवाली क्षेत्र के बसिरहा गांव के घुरहू बिन्द घर की माली हालत ठीक न होने से कमाने के लिए 2021 में गुजरात गए थे. घुरहू गुजरात में ओखा बंदरगाह के पास समुद्र से मछली पकड़ने का काम करते थे. 8 फरवरी 2022 को पाकिस्तानी रेंजरों ने घुरहू समेत सात लोगों को पकड़कर कराची जेल में बंद कर दिया था. जहां जेल की यातना की वजह से उन्होंने खुद ही अपनी जान दे दी.

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प्रधान ने सरकार से की ये मांग

शासन-प्रशासन और परिवार वालों को इसकी जानकारी घूरहू के साथ कराची जेल में बंद धमेंद्र बिन्द की ओर से भेजे गई चिठ्ठी से हुई. दो पेज में लिखे गए पत्र में उसने ठेठ भाषा में पूरी बात लिखी है. पीड़ित परिवार को सांत्वना देने पहुंचे ग्राम प्रधान मृत्यंजय बिंद ने कहा कि उनकी सरकार से तीन मांग है. पहले घुरहू के शव का स्थानीय डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया जाए. दूसरा पीड़ित गरीब परिवार को सरकारी स्तर से आर्थिक मदद दिलाई जाए. तीसरा जेल में बंद अन्य लोगों को सुरक्षा प्रदान करते हुए अपने देश वापस लाया जाए.