सुपौल। पटना से पहुंची आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम ने युवा जदयू के प्रदेश सचिव हर्षित मिश्र को साइबर ठगी और करोड़ों की अवैध कमाई के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। टीम ने 19 घंटे की छापेमारी के बाद उसे रविवार को सुपौल जिले के गौसपुर गांव से पकड़ा। आरोपी के पास से 7 करोड़ रुपए की अवैध कमाई, सैकड़ों सिम कार्ड, दर्जनों मोबाइल, बायोमेट्रिक डिवाइस, और रुपए गिनने की मशीन जैसी हाई-टेक सामग्री बरामद की गई है।
हाई-प्रोफाइल लाइफस्टाइल
27 वर्षीय हर्षित मिश्र किसान विकास मिश्र का बेटा है। उसने करीब तीन साल पहले पिता से जमीन बेचवाकर शेयर ट्रेडिंग के नाम पर पैसे लिए थे। इसके बाद वह स्कॉर्पियो गाड़ी पर भाजपा का झंडा लगाकर और बाउंसरों के साथ गांव आता-जाता था। गाँव में लोग उसे एक सफल व्यवसायी समझते थे। मगर हकीकत यह थी कि वह साइबर ठगी से करोड़ों की कमाई कर रहा था।
हाईटेक सामान जब्त
शनिवार दोपहर 2 बजे शुरू हुई छापेमारी रविवार सुबह तक चली। तीन दर्जन से अधिक अधिकारियों की टीम, एक दर्जन लग्जरी गाड़ियों के काफिले के साथ गांव पहुंची थी। इस दौरान किसी को भी जानकारी नहीं दी गई।
हर्षित के घर से पुलिस ने जो सामान जब्त किया, वह स्पष्ट करता है कि वह एक संगठित साइबर क्राइम रैकेट चला रहा था। बरामद सामानों में शामिल हैं:
दर्जनों सिम कार्ड लगाने वाला गैजेट
सैकड़ों मोबाइल सिम कार्ड
कई मोबाइल फोन
बायोमेट्रिक डिवाइस
रुपए गिनने की मशीन
लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस
गिरफ्तारी के बाद गांव में सदमे का माहौल
हर्षित की गिरफ्तारी के बाद गांव में सन्नाटा है। ग्रामीण हैरान हैं कि जिस परिवार को वे सम्मान देते थे, उसका बेटा ठगी के इतने बड़े खेल में शामिल था। एक बुजुर्ग ने बताया, “उसके रहन-सहन में बदलाव जरूर दिखा था, लेकिन किसी ने सोचा भी नहीं था कि वह करोड़ों की ठगी करेगा।
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