सत्यपाल राजपूत, रायपुर। राजधानी रायपुर में आज भारतीय युवा कांग्रेस ने युवाओं के लिए तीन दिवसीय बुनियादी प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया. इस शिविर में युवाओं को कांग्रेस की विचारधारा व राष्ट्रनिर्माण में पार्टी के योगदान जैसे महत्वपूर्ण विषय से अवगत करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. शिविर में स्वास्थ्य मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य टीएस सिंहदेव ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस सेवादल व मूलतः कांग्रेस पार्टी ने देश की स्वतंत्रता में अतुलनीय योगदान प्रदान किया है. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध जब कांग्रेस की एक बैठक होती थी और जो विचार साझा किए जाते थे उन्हें पूरे देश मे प्रसारित कर एकमत और एक ध्वनि बनाया जाता है, यह कांग्रेस पार्टी की संगठनशक्ति एवं नीतियों का आदर्श उदाहरण है कि हमने इतने कठिन दौर में भी आपसी सामंजस्य बनाये रखा.
इसके साथ ही उन्होंने युवाओं के साथ कांग्रेस में अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब देश में 1977 का दौर आया तब लोग कांग्रेस के समापन के कयास लगाने लगे थे. इस समय में जब सरगुजा-अंबिकापुर में कांग्रेस की रैली हुई तो 5-7 लोगों ने ही उसमें भाग लिया. यह वो समय था जब कोई भी व्यक्ति कांग्रेस की सदस्यता लेने से बचना चाहता था. अपने अनुभवों का उल्लेख करते हुए टी एस सिंहदेव ने बताया कि इस समय में उनकी माता व बहन जेल भी गयीं, लेकिन तब तक उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली थी. टीएस सिंहदेव ने कहा कि करीब 25 वर्ष की आयु में जब कांग्रेस की विचारधारा, आर्थिक-सामाजिक नीति स्पष्ट हुई, तब उन्होंने कांग्रेस सेवादल से जुड़कर कार्य करना प्रारंभ किया.
उन्होंने प्रशिक्षण की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस के युवाओं में स्वछंद भाव देखने को मिलता है, हमें इस स्वच्छन्दता के साथ ही अनुशासन की भी आवश्यकता है. अनुशासन से ही हम कांग्रेस की विचारधारा को भलीभांति समझ पायेंगे एवं जन-जन तक पहुंचाने में सफल होंगे. उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण में अनिवार्यता होनी चाहिए, निरन्तर प्रशिक्षण के आयोजन से युवा साथियों को लाभ लेकर नव नीतियां और हमारी विचारधारा को समझने पर जोर देना चाहिए. इसके साथ ही पार्टी में युवाओं का लक्ष्य केवल पद पाना नहीं होना चाहिए बल्कि ट्रेनिंग, अनुशासन व पार्टी को साथ लेकर चलने पर जोर देना चाहिए.
टीएस सिंहदेव ने तुलनात्मक रूप से लड़कियों की उपस्थित पर भी जोर दिया. इसके बाद उन्होंने कहा कि युवाओं के भीतर जो प्राकृतिक क्षमता है, वह हमने विश्वव्यापी महामारी कोरोना में स्पष्ट रूप से देखी है, देश में संक्रमण का प्रसार इसलिए भी सिमटा क्योंकि हमारे युवाओं के क्षमता इस संक्रमण से अधिक थी, हमें इन सभी शक्तियों को पहचान कर पूरी ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है.