संदीप शर्मा, विदिशा। मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव (Madhya Pradesh Panchayat Election) रद्द होने के बाद सरकार आवेदकों के फॉर्म के समय जमा की गई जमानत राशि तो वापस कर रही है। वहीं परंतु कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने फॉर्म के अलावा अतिरिक्त खर्च भी कर दिया था। एक ऐसा ही एक मामला विदिशा जिले का है। यहां एक युवक कलेक्टर से फॉर्म भरने समेत अन्य काम के दौरान खर्च हुए रकम को वापस लेने की मांग को लेकर पहुंचा। युवक के मुताबिक उसके लगभग 25 हजार रुपए खर्च हो चुके हैं। युवक ने कहा कि मेरा पैसा वापस करो नहीं तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। वहीं मामले में विदिशा कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ( Vidisha Collector Umashankar Bhargava) ने कैमरे के सामने आकर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।
दरअसल विदिशा जिले की गडला पंचायत निवासी बालमुकुंद ने अपनी पंचायत से सरपंच के लिए फॉर्म भरा था। युवक ग्रामीण ने कहा कि मैंने जो फॉर्म भरा था, उसमें कई लोगों से मैंने कर्ज लिया था। सारे पेपर बनवाने और अन्य कार्यों में लगभग 20 से 25 हजार मेरा खर्च हो गया है। मैं एक गरीब आदमी हूं। तना कर्ज़ कहां से दूंगा आवेदन के माध्यम से मेरी से गुजारिश है जो राशि मेरे फार्म भरने में खर्च हुई वह मुझे वापस की जाए। यदि मुझे राशि वापस नहीं की गई तो मैं आत्महत्या कर लूंगा।
नोड्यूज लेने में हजारों रुपए खर्च हुएः वकील
वहीं वकील सुभाष बोहत ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश चुनाव आयोग (Madhya Pradesh Election Commission) ने अध्यादेश जारी कर दिया था और अध्यादेश जारी करने के बाद चुनाव कैंसिल करना बड़ी बात है। फॉर्म भरने में एक सरपंच नहीं बल्कि कई गरीब लोगों ने फॉर्म भरते समय पूरे कागज बनवाने और नोड्यूज लेने में हजारों रुपए खर्च किए हैं। अतः सरकार को गरीब लोगों का पैसा वापस करना चाहिए।
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