रवि गोयल, जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ सरकार के महत्वपूर्ण योजना राम वन गमन पथ को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. इस योजना को लेकर पूर्व विधायक युद्धवीर सिंह जूदेव ने चंद्रपुर विधायक रामकुमार यादव को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि योजना में चंद्रपुर को भी शामिल किया जाए, नहीं तो हम आंदोलन करने मजबूर हो जाएंगे.

गौरतलब है कि भगवान श्रीराम अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों से होकर गुजरे थे. छत्तीसगढ़ सरकार इन क्षेत्रों में करोड़ों रुपए खर्च कर राम वन गमन पथ का कार्य शुरू किया है. इसमें जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण क्षेत्र को भी चिन्हांकित किया गया है. जहां माता शबरी से भगवान राम ने झूठे बेर खाए थे. लेकिन इस पर राजनीति शुरू हो गई है.

जूदेव ने पत्र में लिखा है कि- प्रिय विधायक जी नमस्कार, जैसा की आपको विदित है कि छत्तीसगढ़ शासन कांग्रेस सरकार ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश भर में भगवान श्रीराम जी और माता सीता ने जहां जहां 14 वर्षों के वनवास मैं समय व्यतीत किया है उसको राम गमन मार्ग बनाकर करोड़ों खर्चकर यादगार बना रही है जो कि स्वागत योग्य है परंतु राम गमन मार्ग में हमारा चंद्रपुर क्षेत्र छूट रहा है इतिहास में यह उल्लेख है कि भगवान श्री राम जी लक्ष्मण सहित माता सीता मांड नदी (रायगढ़) होते हुए चंद्रपुर पहुंचे थे और चंद्रपुर के तट पर महानदी में स्थापित भगवान शंकर के मंदिर में जल चढ़ाया था फिर महानदी किनारे होते हुए सवरा समाज की माता शबरी के झूठे बेर खाए थे परंतु सरकार द्वारा इसका उल्लेख ना करना इतिहास से छेड़ा जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि उपरोक्त कारणों से लाखों चंद्रपुर घरघोड़ा और शिवरीनारायण वासियों की भावनाओं से खेल और अपमानित किया जा रहा है. कृपया अपने मुख्यमंत्री और संस्कृति एवं पर्यटन मंडल से आग्रह करें वरना हम हिंदुओं को मजबूरन प्रदर्शन कर विरोध जताना होगा.

इस पत्र को लेकर जब लल्लूराम.काम ने चंद्रपुर विधायक राम कुमार यादव से बात की तो उनका गोलमोल जवाब सामने आया. उनका कहना है कि इसकी जानकारी उन्होंने पहले ही मुख्यमंत्री को दे दी है. साथ मे अड़भार मंदिर का भी उल्लेख किया है. विधायक यादव का कहना है कि किसी भी कार्य मे समय लगता है. चंद्रपुर में श्री राम से जुड़ी बातों की जांच होगी. उसके बाद उसे शामिल किया जाएगा.