रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन शून्यकाल के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामे के साथ तीखी बहस देखने को मिली. विपक्ष के सत्ता पक्ष पर अपमान के आरोप पर मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि शब्दों की गरिमा और समय की मर्यादा आपको भी रखनी चाहिए. केवल आरोप लगाकर और नारेबाजी करने से आप प्रतिपक्ष को जीवित रखना चाहते है तो यह गलत है. आप कम से कम अपने शब्दों का तो ख्याल करें.

इसके पहले भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कल रविंद्र चौबे ने कहा था कि विपक्ष सदन में जानवरों जैसा आवाज निकाल रहे है. क्या इस सदन में जो बैठे उन्हें रैबिज का इंजेक्शन लगता है. यह खाली हमारा अपमान नहीं है. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष को डाटा गया है, इसलिए वह अपनी चेयर पर नहीं बैठ रहे है.

मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि लगातार विपक्ष के विधायक आसंदी पर उंगली उठा रहे उन्हे चुनौती दी जा रही है. इस पर आसंदी ने कहा कि असंसदीय टिपाणियो को विलोपित करने का प्रावधान है. नारायण चंदेल ने कहा कि कल मुख्यमंत्री ने अपने उत्तर में असंसदीय भाषा का उपयोग किया है तो उसे विलोपित की जाए. बृहस्पत सिंह ने कहा कि विपक्ष के विधायक आदिवासियों का अपमान करने वाले लोग है. 90 लोगों के सदन में केवल 4 लोगों ने ठेका ले रखा है क्या.

दोनों पक्षों में हंगामे के बीच मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि 18 साल हम भी प्रतिपक्ष में रहे है. दोनों पक्षों की जवाबदारी है. आप आसंदी में बैठे है. शब्दों की मर्यादा क्या केवल हमारे लिए है, यह सभी की जवाबदारी है. हर प्रश्न क्या केवल आप करेंगे, हम सुनेगे. हम सुन भी रहे है, और सरकार जवाब देने के लिए भी तैयार है.

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