चंडीगढ़। पंजाब सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है. करप्शन केस में कई अधिकारी-कर्मचारी पर कार्रवाई हो चुकी है. डॉ विजय सिंगला को भी रिश्वत मांगने के आरोप के बाद मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था. वे स्वास्थ्य मंत्री थे. अब इसमें नया मामला जुड़ गए है इंडियन फॉरेस्ट सर्विस के अधिकारी विशाल चौहान का. विजिलेंस ब्यूरो ने 1 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने वाले IFS ऑफिसर विशाल चौहान को गिरफ्तार कर लिया है.

IFS अधिकारी विशाल चौहान

कॉलोनाइजर को दिखाया था जेल भिजवाने का डर

विशाल चौहान केवल 1 करोड़ रुपए की रिश्वत तक ही नहीं रुके थे, बल्कि इसके बाद हर महीने 10 लाख रुपए और जमीन बिक्री में 5 लाख रुपए का कमीशन भी मांगा था. उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पंजाब लैंड रिजर्वेशन एक्ट में आती जमीन पर कब्जे का आरोप लगा कॉलोनाइजर को FIR दर्ज करवाने और जेल भिजवाने का डर भी दिखाया था. पहले गिरफ्तार किए गए ठेकेदार और वन विभाग के अधिकारियों से पूछताछ में विशाल चौहान की काली कमाई का चिट्ठा खुला और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

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जानिए क्या है पूरा मामला

बता दें कि पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने 2 जून को मोहाली के DFO गुरअमनप्रीत सिंह और ठेकेदार हरमिंदर सिंह हमी को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था. इनसे पूछताछ में पता चला कि रिश्वतखोरी के काले धंधे में IFS विशाल चौहान भी शामिल है. जिसके बाद विजिलेंस टीम ने विशाल चौहान पर केस दर्ज किया. जांच में पता चला कि सेक्टर 10 चंडीगढ़ के रहने वाले दविंदर संधू के पास गांव मसौल और टांडा में 100 एकड़ जमीन है. इसका कुछ हिस्सा पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट (PLPA) के अधीन आती है. कॉलोनाइजर दविंदर संधू के पिता कर्नल बलजीत संधू और उनके कर्मचारी तरसेम सिंह के खिलाफ एक शिकायत पुलिस तक पहुंची. रेंज अफसर रणजोध सिंह ने यह शिकायत दी थी. उन्होंने दविंदर संधू को बताया कि यह शिकायत DFO गुरअमनप्रीत सिंह और शिवालिक सर्कल के कंजरवेटर (वनपाल) विशाल चौहान के कहने पर दी है. संधू इन दोनों से मिलकर बात कर ले, वर्ना उन पर FIR दर्ज हो जाएगी.

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पीड़ित ने बनाया लेनदेन का वीडियो

इसके बाद दविंदर संधू की ठेकेदार हमी और डीएफओ गुरअमनप्रीत सिंह के साथ बातचीत हुई. संधू ने ठेकेदार के कहने पर डीएफओ को 2 लाख रुपए का पैकेट दिया. डीएफओ ने कहा कि बाकी पैसों के बारे में वह चौहान से बात कर उसे बता देगा. संधू ने पूरे मामले की वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली. इसके बाद ठेकेदार हमी ने संधू से संपर्क किया. उसने बताया कि उसकी और डीएफओ की कंजरवेटर विशाल चौहान से बात हो चुकी है. प्रोजेक्ट की शुरुआत करनी है, तो पहले एक करोड़ रुपए देने होंगे. फिर हर महीने 10 लाख रुपए और जो भी जमीन बिकेगी, उसमें से 5 लाख रुपए देने होंगे. हालांकि संधू ने इसके लिए इनकार कर दिया.

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सीएम हेल्पलाइन नंबर पर भेजा वीडियो

दविंदर संधू ने इसकी शिकायत CM भगवंत मान की हेल्पलाइन पर भेज दी. जिसके बाद पहले DFO और ठेकेदार को गिरफ्तार किया गया. जांच में पता चला कि IFS चौहान ने दबाव डालकर दविंदर संधू के पिता पर केस दर्ज करवा दिया था. इसके बाद दविंदर संधू को भी इसमें नामजद करने को कहा था, जिसके लिए चौहान ने खुद शिकायत भी दी. जिसके बाद विजिलेंस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.