Zomato Limited Share: ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म Zomato (अब इटरनल लिमिटेड) ने एक बार फिर बाजार में तहलका मचा दिया है. मंगलवार, 22 जुलाई को कंपनी के शेयर में 23% तक की ज़बरदस्त तेजी देखी गई. सुबह 9:35 बजे तक स्टॉक 14.45% ऊपर ट्रेड कर रहा था, जबकि सोमवार को भी यह 7.5% की मजबूती के साथ 276.50 रुपये पर बंद हुआ था.

लेकिन इस तेजी की दिलचस्प बात ये है कि जहां रेवेन्यू 69% उछला, वहीं कंपनी का शुद्ध मुनाफा 90% तक गिर गया. फिर भी निवेशकों का भरोसा क्यों बरकरार है?

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Zomato Limited Share

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Blinkit बना ग्रोथ का इंजन, लेकिन बढ़ा खर्चा भी (Zomato Limited Share)

फाइनेंशियल ईयर 2025-26 की पहली तिमाही (Q1FY26) में कंपनी की कुल कमाई ₹7,521 करोड़ रही, जो पिछले साल की समान अवधि (₹4,442 करोड़) के मुकाबले 69.31% ज्यादा है.

हालांकि, टैक्स और अन्य खर्चों के बाद कंपनी का नेट प्रॉफिट ₹25 करोड़ रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही के ₹253 करोड़ से 90% नीचे है. इस गिरावट की बड़ी वजह है Zomato के क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म Blinkit का आक्रामक विस्तार.

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243 नए Blinkit स्टोर खोले – खर्चा आसमान पर (Zomato Limited Share)

Zomato ने अप्रैल-जून तिमाही में 243 नए Blinkit स्टोर लॉन्च किए, जिससे कुल स्टोर की संख्या बढ़कर 1,544 हो गई है. कंपनी का लक्ष्य दिसंबर 2025 तक यह आंकड़ा 2,000 स्टोर्स तक पहुंचाने का है.

Blinkit के ताबड़तोड़ विस्तार ने ऑपरेशनल कॉस्ट को बढ़ा दिया, जिससे कंपनी के मुनाफे पर सीधा असर पड़ा.

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रिकॉर्ड ऑर्डर वॉल्यूम: फूड डिलीवरी को पछाड़ गया क्विक कॉमर्स (Zomato Limited Share)

इस तिमाही में Blinkit ने पहली बार Zomato के पारंपरिक फूड डिलीवरी बिजनेस को पीछे छोड़ दिया. क्विक कॉमर्स से Zomato ने ₹9,203 करोड़ की नेट ऑर्डर वैल्यू (NOV) दर्ज की, जबकि फूड डिलीवरी से यह आंकड़ा ₹8,967 करोड़ रहा.

यानी अब Zomato सिर्फ खाने तक सीमित नहीं, दैनिक ज़रूरतों की क्विक डिलीवरी में भी बड़ा खिलाड़ी बन चुका है.

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इन्वेंटरी में दोगुनी बढ़त – क्या संकेत दे रहा है ये डेटा? (Zomato Limited Share)

Zomato ने जून 2024 में जहां ₹1,116 करोड़ की ग्रॉसरी, स्नैक्स व अन्य दैनिक वस्तुएं खरीदी थीं, वहीं जून 2025 में यह खरीदारी बढ़कर ₹2,557 करोड़ पहुंच गई – यानी 129.1% का इज़ाफा.

साथ ही, स्टॉक इन ट्रेड (इन्वेंटरी) में भी बड़ा उछाल आया – जून 2024 में ₹17 करोड़ से बढ़कर जून 2025 में ₹273 करोड़ का चेंज दर्ज हुआ. यह इशारा करता है कि Zomato अब सप्लाई चेन और लास्ट माइल डिलीवरी के मोर्चे पर भी ताकत झोंक रहा है.

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Zomato का स्टॉक क्यों भाग रहा है, जबकि मुनाफा गिरा है? (Zomato Limited Share)

सवाल उठता है कि जब कंपनी का मुनाफा गिरा है, तब स्टॉक में इतनी तेजी क्यों? असल में बाजार को Zomato की दीर्घकालिक रणनीति पर भरोसा है.

कंपनी ने जिस तरह क्विक कॉमर्स को अपनी नई ग्रोथ मशीन बना लिया है, और आने वाले समय में इससे जो संभावनाएं बन रही हैं – उसी के चलते निवेशकों ने इसे Buy on Dip का मौका समझा.

इसके अलावा, लगातार बढ़ता रेवेन्यू और ऑर्डर वॉल्यूम इस बात के संकेत हैं कि Zomato सिर्फ एक फूड डिलीवरी कंपनी नहीं रही, बल्कि अब यह रिटेल और ई-कॉमर्स में भी पैर जमा रही है.

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Zomato ने इस तिमाही में एक अहम मोड़ पार किया है. मुनाफा जरूर घटा, लेकिन बिजनेस की दिशा और डाइमेंशन दोनों बदल चुके हैं.

क्विक कॉमर्स का वॉल्यूम बढ़ना, स्टोर्स का विस्तार और ग्रॉसरी सेगमेंट में पकड़ मजबूत करना – ये सभी संकेत करते हैं कि Zomato आने वाले वक्त में सिर्फ रिटेल नहीं, बल्कि लॉजिस्टिक्स व सप्लाई चेन टेक्नोलॉजी में भी अगला बड़ा नाम बन सकता है.

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