रायपुर। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने नन्दन वन रायपुर और मैत्री बाग भिलाई के जानवरों को दूषित खाना खिलाये जाने के मामले की जांच के आदेश  दिए हैं. ये आदेश छत्तीसगढ़ के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन (सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू-पीसीसीएफ) को दिए हैं.

सलाहकार समिति बनाने के निर्देश

केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने छत्तीसगढ़ के प्रमुख मुख्य वन संरक्षक को प्रदेश में एक स्वास्थ्य सलाहकार समिति का गठन करने का निर्देश दिया है.समिति में अनुभवी पशु चिकित्सकों और चिड़ियाघर में काम कर रहे अनुभवी लोगों को रखने का निर्देश दिया गया है. ये समिति हर चिड़ियाघर का हर तीन महीने में दौरा करेगी और जानवरों के स्वास्थ्य की निगरानी करेगी.

दिसबंर में परोसा गया था सड़ा-गला मांस

प्राधिकरण ने ये आदेश नितिन सिंघवी की शिकायत पर दिए हैं. सिंघवी ने फरवरी 2017 में केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को शिकायत दर्ज की थी कि दिसंबर 2016 में मैत्री बाग में सड़ा-गला मांस जानवरों को परोसा गया था. जब ये मांस परोसा जा रहा था तब वहां वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर सत्यप्रकाश पांडेय मौजूद थे. उन्होंने उसकी फोटो खींचकर सिंघवी को दे दी गई. इसके बाद सिंघवी ने सूचना के अधिकार के तहत ये जानकारी हासिल की कि मैत्री बाग में पिछले दो साल में वन्य प्राणियों के दिए जाने वाले खाने की जांच केवल एक बार हुई है.

दो साल से नहीं हुई खाने की जांच

जबकि नन्दन वन में तो पिछले दो वर्षों में मांसाहारी खाने की जांच ही नहीं करवाई गई और जो शाकाहारी खाने की जांच करवाई गई उसमें चना फल्ली, सरसों खल्ली तथा मोलासिस में यूरिया की मात्रा ज्यादा मिली. इन सब प्रमाणों को केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के सामने रखने पर जांच के आदेश दिये गये है.