रायपुर। प्रदेश के वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ एवं अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ .दिनेश मिश्र ने यूनाइटेड नेशंस द्वारा जिनेवा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में कहा कि संसार के अनेक देशों से अंधविश्वास के कारण महिलाओं के साथ प्रताड़ना की घटनाएं घटती है और उनके मानवाधिकार हनन के मामले सामने आते है ,जो चिंतनीय है.
प्रताड़ना और मानवाधिकार (witchcraft and human right) विषय पर व्याख्यान देते हुए डॉ. मिश्रा ने कहा कि महिला प्रताड़ना और उनके मानवाधिकार हनन के कारणों में एक प्रमुख कारण अंधविश्वास और डायन के संदेह में प्रताड़ना भी है जो एशियाई देश नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और अफ्रीका के अनेक देशों में जारी है. उनके पास एशिया सहित दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया, यूगांडा अनेक देशों में घटित घटनाओं के आंकड़े हैऔर मामलों की जानकारी है जो महिलाओं के अधिकारों को लेकर किए जाने वाले दावों और वास्तविकता स्थिति के संबंध भिन्नता बताती है.
उन्होंने कहा महिला प्रताड़ना के मामलों में तो उन्हें मानव या इंसान ही नही समझा जाता तो उन्हें मानव अधिकार देने के दावे झूठे साबित हो जाते है. अशिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और वैज्ञानिक जागरूकता की कमी, गैर जरूरी, परंपराओं को आंख मूंद कर पालन करने की आदत से न ही अंधविश्वास खत्म हो पाते हैं और न ही पीड़ितों को राहत मिल पाती है. अफ्रीका में काला जादू मुस्लिम देशों में जिन्न, प्रेत, एशिया के बहुत से देशों डायन, चुड़ैल ,जैसे अंधविश्वास आज भी व्याप्त हैं जिनके कारण महिलाओं और बच्चों को शारीरिक मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता है अनेक मामलों में प्रताड़ना के चलते पीड़ितों की हत्या भो कर दी जाती है.
यूनाइटेड नेशन्स के जिनेवा स्थित मुख्यालय में 21 व 22 सितंबर को आयोजित इस कार्यशाला में यूरोप,अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा के मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, विश्विद्यालयों के प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता सहित यूनाइटेड नेशंस के मानवाधिकार परिषद केचेयरमेन काते गिलमोर और यूनाइटेड नेशंस की प्रतिनिधि इरो इकपोनवोसा विचक्राफ्ट एंड ह्यूमन राइट नेटवर्क के चेयरमेन गैरी फ़ॉक्सफ़ोर्ट सहित अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया.