स्पोर्ट्स डेस्क- क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जहां एक बार आप सही जगह पर दमदार खेल दिखा दो, आपको स्टार बनने से कोई नहीं रोक सकता है. अभी हाल ही में भारतीय अंडर-19 टीम एशिया कप में चैंपियन बनी, और उस मैच में युवा खिलाड़ी यशस्वी जैसवाल मैन ऑफ द सीरीज बने. फाइनल मैच में यशस्वी ने 85 रन की पारी खेली, जिसमें 13 चौके और 1 सिक्सर लगाया. यशस्वी ने अंडर-19 एशिया कप में 3 मैच में 71.33 की औसत से 214 रन बनाए हैं, जिसमें 2 अर्धशतक शामिल है.
अब यही यशस्वी कम उम्र में ही स्टार बन चुका है. अंडर-19 एशिया कप में यशस्वी ने ऐसा खेल दिखाया, जिसे देखने के बाद हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है, लेकिन जब आप इस युवा खिलाड़ी के यहां तक पहुंचने का सफर जानेंगे, तो आप भी इस खिलाड़ी का लोहा मान जाएंगे
कभी गोलगप्पे बेचता था, आज क्रिकेट का स्टार
यशस्वी जैसवाल आज क्रिकेट के इस मुकाम तक पहुंचे तो अपने टैलेंट की वजह से, यहां तक पहुंचने के लिए इस युवा खिलाड़ी को काफी संघर्ष से होकर गुजरना पड़ा है. इस युवा खिलाड़ी का जुनून ही इसे यहां तक लेकर आया है.
क्रिकेट के लिए गोलगप्पे भी बेचा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यशस्वी 11 साल के थे, जब उन्होंने उत्तरप्रदेश के छोटे से जिला भदोरी से मुंबई तक का सफर तय किया था. उनके पास रहने के लिए जगह नहीं थी, लेकिन जुनून था क्रिकेट खेलना है और वो भी सिर्फ और सिर्फ मुंबई से. एक वक्त ऐसा भी था जब यशस्वी अपना खर्च चलाने के लिए मुंबई के आजाद मैदान में गोलगप्पे भी बेचते थे. इस बारे में वो बताते हैं कि उन्हें गोलगप्पे बेचना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था, क्योंकि जिन लड़कों के साथ वो क्रिकेट खेलते थे, वो सुबह उनकी तारीफ करते थे और शाम को उनके पास गोलगप्पे खाने के लिए पहुंचते थे. उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत बुरा लगता था, लेकिन उन्हें ये करना पड़ा क्योंकि उन्हें जरूरत थी.
सचिन भी हैं इस खिलाड़ी के फैन
यशस्वी के मुताबिक उनके कोच और भारत के पूर्व महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने उन्हें कहा है कि ये तो बस एक शुरुआत है, उन्हें अभी और खेलना है, यशस्वी के अंदर महज पांच साल की उम्र से क्रिकेट का जुनून सवार था, यशस्वी के मुताबिक एक बार उन्हें सचिन तेंदुलकर ने अपने घर बुलाया था, और खेल के गुर सिखाने के बाद उन्हें खुद के ऑटोग्राफ के साथ एक बल्ला भी दिया था.