रायपुर। पूर्व की रमन सरकार के कामकाज की साल 2016-17 की आडिट रिपोर्ट सीएजी ने जारी की है. रिपोर्ट में रमन शासन काल में एक के बाद एक कई गड़बड़ियों को उजागर किया गया है. खनिज विभाग में सीएजी ने 2616.51 करोड़ रिपोर्ट की अनियमितता पकड़ी है. कैग की रिपोर्ट के मुताबिक 1819 प्रकरणों में राज्यकोष को 2616.51 करोड़ का चूना लगा है.
साल 2016-17 में लेखापरीक्षा द्वारा खनिज साधन विभाग की 17 इकाईयों में से नौ इकाईयों (जिला खनिज अधिकारियों बालोद, बस्तर, बिलासपुर, दुर्ग, कांकेर, रायपुर, राजनांदगांव, सरगुजा एवं संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म रायपुर) के अभिलेखों को नमूना जांच की. इसके अलावा अप्रैल 2017 से जून 2017 के मध्य आठ जिला (उप संचालक खनिज प्रशासन कोरबा और रायगढ़, जिला खनिज अधिकारी बलौदाबाजार, बलौदाबाजार, बलरामपुर, बिलासपुर, दंतेवाड़ा, जांजगीर-चांपा एवं कांकेर) खनिज कार्यालयों की लेखापरीक्षा संपादित की. 2016-14 एवं 2016-17 के दौरान विभाग द्वारा क्रमशः राशि 3709.52 करोड़ और 4141.47 करोड़ का राजस्व संग्रहण किया गया. जिसमें लेखापरीक्षित इकाईयों द्वारा क्रमशः 569.36 करोड़ रुपये और 3228.45 करोड़ संग्रहित की गई. लेखापरीक्षा ने 1819 प्रकरणों में राशि 2616.51 करोड़ की अनियमितता पायी. आपको बता दें कि खनिज विभाग डॉ रमन सिंह के ही अधीन था जिसमें ये बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है.
ऐसे हुई अनियमितता
रायल्टी एवं ब्याज का निर्धारण न करना/अवनिर्धारण के 38 प्रकरणों में 32.51 करोड़. अनिवार्य भाटक एवं ब्याज का अनारोपण/न्यून आरोपण के 106 प्रकरणों में 5.14 करोड़ रुपये. मुद्रांक शुल्क एवं पंजीयन फीस का न्यून आरोपण/कम वसूली के 60 प्रकरणों में 48.08 करोड़ रुपये. खनन पट्टे के अधीन भूमि पर भू-राजस्व का अनारोपण के 780 प्रकरणों में 158.37 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की योगदान राशि की कम वसूली के41 प्रकरणों में 13.74 करोड़ रुपये. अधोसंरचना विकास एवं पर्यावरण उपकर की राशि की अवसूली/कम वसूली के 328 प्रकरणों में 86.66 करोड़ रुपये. इसके साथ ही अन्य अनियमितताएं जिसमें सतह कर की वसूली न होना, भंडारण अनुज्ञप्ति के लिए वार्षिक फीस की अवसूली आदि सम्मिलित हैं के 466 प्रकरणों में 2272.01 करोड़ रुपये की अनियमितताएं पाई गई. इन सभी मामलों में CAG ने कुल 1819 प्रकरणों में 2616.51 करोड़ की अनियमितता को उजागर किया है.