रायपुर। कृषि विभाग में एक बार फिर महाघोटाला उजागर है. किसानों की सब्सिडी के करोड़ों रुपये किसान की जगह कोई और हड़प लिए. जी हाँ सूचना के अधिकार मिले दस्तावेजों से हुए इस खुलासे छत्तीसगढ़ में किसानों का हित करने की बात कहने वाले सरकार के माथे पर एक और कलंक लग गया है. क्योंकि भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश का बात कहने वाले रमन सरकार में उनके अधिकारी भ्रष्टाचार के जरिए सरकार की छवि धुमिल करने में लगे. कुछ ऐसा ही मामला कृषि विभाग के बीज एवं कृषि विकास निगम की ओर से किसानों को बाँटे गए कृषि उपकरणों के वितरण में सामने आया है. जिसका खुलासा सरकार की ओर से कराए गए भौतिक सत्यापन में हुआ. दरअसल सरकार ने थर्ड पार्टी के रूप में नाबार्ड के जरिए किसानों को बांटे गए सब्सिडी का भौतिक सत्यापन कराया और उसमें जो खुलासा हुआ उसने अधिकारियों के महाघोटाले को उजागर कर दिया है. आरटीआई से मिले दस्तावेज उत्तर बस्तर कांकेर और बिलासपुर जिले के प्रकरण सामने आए हैं.
ये है जाँच प्रतिवेदन की रिपोर्ट-
उत्तर बस्तर कांकेर-
7 विकासखण्डों में साल 2016-17 में कुल 2092 किसान हितग्राहियों को लाभांवित किया गया. इसमें 1193 सिंचाई पंप, 859 स्पिंकलर सेट, 40 कृषि यंत्र प्रकरण शामिल है.
491 प्रकरण में कृषकों लाभ
198 हितग्राहियों को सामग्री प्राप्त हुई लेकिन मापदण्ड के अनुसार नहीं
513 प्रकरण में किसानों का पंजीयन लेकिन उन्हें सामग्री नहीं, जबकि संचालनालय कृषि उन्हें लाभांवित होना बताया
26 प्रकरण ऐसे में जिसमें किसानों का न तो पंजीयन हुआ न सामग्री मिली
78 प्रकरणों में नाम और पत्ते के मुताबिक किसान मिले ही नहीं
79 एेसे हितग्राही मिले जिनका सामग्री दूसरे गाँवों में रखना, बेचना पाया गया
बिलासपुर जिला-
1748 प्रकरणों में सिंचाई पंप 1520, 116 कृषि यंत्र, 35 स्प्रिकंलर, 77 ड्रिप
सिर्फ 570 प्रकरण में कृषकों को सामग्री मिलना पाया गया
46 प्रकरण में किसानों को सामग्री ही नहीं मिली
368 प्रकरण में किसानों पंजीयन कराया पर सामग्री नहीं मिली, लेकिन कृषि संचालनालय ने उन्हें लाभ मिलना बताया है
87 प्रकरण एेसे मिले जिसमें न तो पंजीयन हुआ, न सामग्री मिली फिर उन्हें लांभावित बताया गया
167 प्रकरण में नाम और पते के मुताबिक किसान मिले ही नहीं
किसान नेता और आम आदमी पार्टी के राज्य संयोजक डॉ. संकेत ठाकुर ने कहा कि ये किसानों के साथ किया गया सबसे बड़ा घोटाला है. अधिकारी किसानों के 3 सौ करोड़ के सब्सिडी हड़प लिए. इस मामले उच्च स्तरीय जांच समित गठित कार्रवाई की जानी है. उन्होंने कृषि मंत्री को बर्खास्त करने की भी मांग की है.
मंत्री को गड़बड़ी का नहीं मालूम होना अफसोस की बात – टीएस सिंहदेव
टीएस सिंहदेव ने इस मसले पर कहा कि इस मामले की गड़बड़ी का खुलासा थर्ड पार्टी में सामने आया है. दो तिहाई लोगोे को सब्सिडी देने में गड़गड़ी हुई है. इस पर जवाबदेही तय होके कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मैंने ये मसला विधानसभा में उठाया था. एजेंसियां हितग्राहियों को दोगुने दर पर सामान दे रही हैं जिससे सब्सिडी का असली लाभ किसानों को नहीं मिल पाता. उन्होंने कहा कि मंत्री का इस मामले में गड़बड़ी की जानकारी नहीं होने की बात कहना अफसोसनाक है. इतने बड़े मंत्री को ये नहीं मालूम कि जबकि उनके विभाग का मामला है. उनके विभाग में जांच हुई है तो वे गड़बड़ियों को कैसे दूर करेंगे.