वैभव बेमेतरिहा/ अंकुर तिवारी रायपुर। छत्तीसगढ़-झारखण्ड की सीमा पर 2 साल से सक्रिय रहने वाले खूंखार मोस्ट वांटेड नक्सली लीडर देवकुमार उर्फ अरविंद की मौत जिस बूढापहाड़ में हुई थी, वहीं उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक इस दौरान उनकी पत्नी प्रभावती भी मौजूद थीं. हालांकि खबर ये भी है कि उनकी पत्नी अरविंद को जहानाबाद ले जाना चाहती थी. जहानाबाद अरविंद का मूल गाँव रहा है. प्रभावती, अरविंद का अंतिम संस्कार जहानाबाद में ही करना चाहती थी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
अंतिम संस्कार से पहले अरविंद की पत्नी प्रभावती ने लातेहर पुलिस थाना पहुँची थी. यहाँ पुलिस से मुलाकात कर अरविंद के मौत होने की खबर दी थी. और पुलिस के सामने अरविंद का अंतिम संस्कार जहानाबाद में कराने की इच्छा जताई थी. आपको यहाँ भी बता दे कि प्रभावती आंगनबाड़ी सेविका है. और उसे 2012 में नक्सलियों के लेवी पहुँचाने के मामले पहले गिरफ्तार किया चुका है. हालांकि अब समाज की मुख्यधारा में जुड़कर काम करती हैं.
इधर इस मामले में एक चर्चा ये भी है कि अरविंद इससे पहले भी पुलिस रिकार्ड में तीन बार मर चुका है. हलांकि लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में झारखण्ड पुलिस के एडीजी आर.के. मलिक ने इससे साफ इंकार किया है. उन्होंने अरविंद की मौत की खबर होने की और उनकी पत्नी की पुलिस से मुलाकात होने की बात कही है. लेकिन अंतिम संस्कार की जानकारी होने की पुष्टि नहीं की है.
झारखण्ड पुलिस के आईजी आशीष बत्रा ने भी यही कहा कि अरविंद की पत्नी लातेहर पुलिस स्टेश पहुँची थी. वहां पुलिस के सामने उसने अरविंद की मौत और उसके शव को जहानाबाद लेने जाने की इच्छा जताई थी. लेकिन आईजी बत्रा ने भी इस बात की पुष्टि नहीं की है कि अरविंद का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. उन्होंने कहा, कि हमें इस बात की जानकारी नहीं है.