खैरागढ़- खैरागढ़ विधानसभा सीट राजनांदगांव जिले की सबसे महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है. खैरागढ़ की राजनीतिक गतिविधियों की लहर अन्य विधानसभा सीटों को भी प्रभावित करती है. इस सीट पर अगर नज़र डाली जाए तो यहां जनता ने हर बार अपनी पसंद बदली है. 2003 के चुनावी नतीजे देखें तो कांग्रेस ने इस सीट पर जीत हासिल की थी, तो वहीं 2008 में यह सीट बीजेपी के खाते में आई. 2013 में एक बार फिर जनता ने कांग्रेस को इस सीट पर जीताया. कुछ पंचवर्षीय को छोड़कर अगर देखें तो इस सीट पर कांग्रेस की पैठ रही है. इस बार 2018 के चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर है. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी और जनता कांग्रेस जोगी ने भी अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं.
कौन कौन है मैदान में-
1.कांग्रेस- गिरवर जंघेल
2.बीजेपी- कोमल जंघेल
3.आम आदमी पार्टी- मनोज गुप्ता
4.जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी- देवव्रत सिंह
प्रत्याशियों की शैक्षणिक योग्यता-
गिरवर जंघेल- बीकॉम, एल.एल.बी
कोमल जंघेल- एमए
मनोज गुप्ता- बीएससी
देवव्रत सिंह- एमए
2013 विधानसभा चुनाव, सामान्य सीट
गिरवर जंघेल, कांग्रेस, कुल वोट मिले 70133
कोमल जंघेल, बीजेपी, कुल वोट मिले 67943
2018 के ये हैं चुनावी मुद्दे-
1. क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली
2. रोजगार के साधनों का अभाव
3. प्रधानमंत्री आवास में लेटलतीफी
4. शौचालय निर्माण में गड़बड़ी
5. कृषि बीमा का सही सही लाभ ना मिलना
6. खैरागढ़ को जिला बनाने की मांग
7. सिंचाई व्यवस्था की बदहाली
क्या कहता है चुनावी समीकरण- इस सीट पर लोधी समाज की बहुलता है जिसके चलते इस क्षेत्र से लोधी समाज के ही प्रत्याशी विजयी हुए हैं. वर्तमान में कांग्रेस से लोधी समाज के बड़े किसान गिरवर जंघेल यहां से विधायक हैं. इसलिए कांग्रेस ने यहां एक्सपेरीमेंट ना करते हुए गिरवर पर अपना भरोसा दिखाया है. वहीं बीजेपी ने इस सीट पर कोमल जंघेल को फिर से टिकट दिया है कोमल जंघेल ने 2008 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी का खाता खोला था.
वहीं राजपरिवार व कभी कांग्रेस के नेता रहे देवव्रत सिंह को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी से टिकट दिया गया है. देवव्रत सिंह ने 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सिध्दार्थ सिंह को हराया था. इसके बाद से ही बीजेपी और कांग्रेस ने इस सीट पर लोधी समीकरण को तवज्जो दी और तब से इस सीट पर लोधी प्रत्याशी ही चुनाव जीतते आए हैं. हालांकि देवव्रत सिंह के चुनावी मैदान में उतरने से कांग्रेस पर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि खैरागढ़ की जनता के बीच इनकी अच्छी खासी पकड़ है. जो कांग्रेस को पड़ने वाले वोटों का बंटवारा कर सकता है. वहीं आम आदमी पार्टी ने मनोज गुप्ता को इस सीट से टिकट दिया है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार भी जनता लोधी समाज के समीकरण के आधार पर ही वोट देती है और अगर जाति समीकरण के आधार पड़ वोट डाले जाते हैं तो कौन से पार्टी का प्रत्याशी बाजी मारेगा क्योंकि इस बार दोनों ही प्रत्याशी लोधी समाज से हैं.