नई दिल्ली। गंगा के मुद्दे पर पिछले 5 माह से अनशन पर बैठे पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल का निधन हो गया है. आईआईटी में प्रोफेसर रह चुके जीडी अग्रवाल गंगा में अवैध खनन, बड़े-बड़े बांधों के निर्माण जैसे कई मुद्दों को लेकर 22 जून से अनशन पर थे. अग्रवाल गंगा को अविरल बनाने के लिए लगातार मांग कर रहे थे. उनकी मांग थी कि गंगा और इसकी सह-नदियों के आस-पास बन रहे हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के निर्माण को बंद किया जाए और गंगा संरक्षण प्रबंधन अधिनियम को लागू किया जाए.
पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल सन्यास ग्रहण कर स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद के रुप में जीवन व्यतीत कर रहे थे. गंगा से जुड़े मुद्दों को लेकर वे कई बार सरकार को पत्र लिख चुके थे. इस साल फरवरी में उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर गंगा के लिए अलग कानून बनाने की मांग की थी. लेकिन जब पीएम की तरफ से कोई जवाब नहीं आया तो वे 22 जून से अनशन पर बैठ गए थे. 86 वर्षीय पर्यावरणविद सन्यासी को मनाने के लिए केन्द्रीय मंत्री उमा भारती और नितिन गडकरी ने उनसे अनशन तोड़ने की अपील की थी लेकिन वे नहीं माने.
जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद इंडियन सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में सदस्य भी रह चुके हैं. स्वामी सानंद के रुप में जीवन जी रहे अग्रवाल पहली बार अनशन पर नहीं बैठे थे. इसके पहले वे गंगा की सफाई को लेकर आमरण अनशन पर बैठ चुके हैं. उस वक्त सरकार की ओर से उनकी मांगों पर सहमति जताने के बाद उन्होंने अनशन समाप्त कर दिया था.