रायपुर। भारत में बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न रावण को मार कर मनाया जाता है, क्योंकि आज ही के दिन मर्यादा पुरूषोत्तम राम ने अहंकारी रावण को मार कर सीता को रावण के चंगुल से मुक्त किया था. कहा जाता है कि रावण बुराइयों से भरा इंसान था और उसकी बुराइयों का अंत करने ही भगवान राम ने रावण का वध किया था, इसलिए पूरे भारत में आज रावण दहन किया जाता है. लेकिन भारत में एेसे कई मंदिर हैं जहां रावण को पूजा जाता है कारण यह है कि रावण ब्राम्हण था और उससे बड़ा शिव भक्त कोई नहीं हुआ.
आईए जानते हैं कहां कहां पूजा जाता है रावण को-
1 मोहदी, रायपुर छत्तीसगढ़– रायपुर से 20 किमी दूर धरसींवा के पास गांव मोहदी में भी रावण को पूजा जाता है. यहां के लोगों की रावण में बहुत श्रध्दा है. लोग रावण को संकट हारक मानते हैं. किसी भी प्रकार का कोई संकट आने पर लोग सबसे पहले रावण की शरण में जाते हैं और नारियल फोड़ पूजा कर रावण से संकट हरने की प्रार्थना करते हैं.
रावण की मान्यता दूर-दूर तक फैली है. चुनाव के समय कई नेता यहां आकर रावण की पूजा अर्चना कर जीत की कामना करते हैं. यहां रावण की प्रतिमा के सामने ही दुर्गा मां का मंदिर है लेकिन लोग रावण की पूजा करने के बाद ही मंदिर जाते हैं.
2 दशानन मंदिर कानपुर, उत्तरप्रदेश-
रावण का यह मंदिर 1890 में बना था. और पूरे साल में सिर्फ एक दिन ही मंदिर के द्वार खोले जाते हैं. दशहरे के दिन ही मंदिर के द्वार खोल रावण का श्रृंगार कर उसकी पूजा की जाती है और साल में दशहरे के दिन ही भक्त रावण के दर्शन कर सकते हैं. माना जाता है कि कोई अगर तेल के दिए जाला कर मानोकामना मांगता है तो उसकी मानोकामना जरूर पूरी होती है.
3 बैजनाथ कस्बा, हिमाचल प्रदेश-
मान्यता है कि इस जगह पर रावण ने भगवान शिव की कई वर्षों तक कठोर तपस्या की थी. भगवान शिव की पूजा करके रावण शिवलिंग लेकर इसी कस्बे से लंका जाता था. इसलिए यहां रावण को पूजा जाता है और दशहरा के दिन यहां रावण दहन नहीं किया जाता.
4 मंडोर, जोधपुर राजस्थान-
कहा जाता है कि मंडोर रावण का ससुराल है मंदोदरी को यहां के लोग अपनी बेटी मानते हैं. इसलिए रावण वध के दिन अपनी बेटी के विधवा होने से यहां के लोग शोक मनाते हैं. मंडोर में रावण और मंदोदरी का एक मंदिर भी है.
5 विदिशा, मध्यप्रदेश-
मान्यता है कि इस जगह पर मंदोदरी का जन्म हुआ था. दशहरा के दिन यहां लोग रावण की 10 फीट उंची मूर्ति की पूजा करते हैं. साथ ही किसी शुभ अवसर पर रावण की पूजा कर उसका आशीर्वाद लेते हैं.
6 मंदसौर, मध्यप्रदेश-
यहां के लोग रावण को अपना दामाद मानते हैं. मध्यप्रदेश में रावण का पहला मंदिर भी यहीं बना था. मंदसौर की औरते रावण की मूर्ति के सामने से घूंघट लेकर गूजरती हैं. यहां रावण को रूण्डी के रूप में पूजा जाता है. रूण्डी की यहां विशाल प्रतिमा भी है.
7 लंकेश्वर महोत्सव, कोल्लार कर्नाटक-
कोल्लार में रावण महोत्सव के दिन जूलुस निकाल कर रावण की पूजा की जाती है साथ ही भगवान शिव की प्रतिमा को भी रख पूरे शहर में घूमाया जाता है. रावण भगवान शिव का बड़ा भक्त था इसलिए यहां रावण के प्रति लोगों में आस्था है. मंदिर में रावण की पूजा करने सैकड़ों की संख्या में लोग यहां पहुंचते है.