ये युग सूचना क्रांति का है, ये युग तकनीक का है. ऐसे वक़्त में छत्तीसगढ़ के युवा किसी से पीछे क्यों रहे? लिहाजा रमन सरकार मुख्यमंत्री सूचना क्रांति योजना लेकर आई और आज छत्तीसगढ़ की युवा पीढ़ी तकनीकी से बातें कर रही है. रायपुर से लेकर बस्तर के सुदूर इलाकों तक युवा आधुनिक तकनीकी के साथ कदमताल करते नजर आ रहे हैं. सफलता के शिखर तक पहुंचने का रास्ता तलाशने का हुनर इन युवाओं ने सीख लिया है. ये मुमकिन हुआ है, राज्य सरकार की एक पहल से. रमन सरकार ने सूचना क्रांति योजना से प्रदेश के युवाओं को देश और दुनिया से जोड़ दिया. युवाओं से किया गया एक वादा ही था, जिसने युवाओं को बेहतर भविष्य तराशने का एक शानदार मौका दिया. रमन ने जैसा कहा, वैसा किया. आज छत्तीसगढ़ के युवा देश और दुनिया के युवाओं से किसी मायने में कम नहीं है. आज राज्य के सुदूर आदिवासी अंचलों का युवा भी दुनियाभर में अपनी काबिलियत का डंका बजा रहे हैं.
देश पूर्ण डिजिटलाइजेशन की ओर तेजी से बढ़ रहा है. बच्चे से लेकर बूढ़ों तक हर किसी के हाथों में मोबाइल फोन है. पूरी दुनिया का हाल जानना है या फिर किसी विषय वस्तु को सर्च करना हो. सब कुछ एक छोटे से स्मार्ट फोन से होने लगा है. एक तरह से पूरी दुनिया उंगलियों में सिमट गई है. लेन-देन कैश लेस हो चुके हैं. बैंकिंग सेवाएं भी ई-बैंकिंग से अब मोबाइल बैंकिंग की ओर बढ़ गई है. सारी सरकारी सेवाएं ऑन लाइन हो गई है. जन्म प्रमाण पत्र से लेकर परीक्षा के फार्म भरना हो या फिर परीक्षा ही देना हो सब काम ऑन लाइन हो चुका है. घर बैठे या फिर चाय के ठेले में बैठकर आप हर काम आसानी से कर सकते हैं. और यह सब संभव हुआ है सूचना क्रांति से.
छत्तीसगढ़ युवा सूचना क्रांति योजना में पात्रता अनुसार निःशुल्क लैपटॉप अथवा टेबलेट प्रदाय किए जाते हैं. इसका उद्देश्य राज्य के युवाओं को नई तकनीकों के उपयोग की सुविधा देना है. युवाओं को नई तकनीक के माध्यम से कैरियर निर्माण में सहयोग प्रदान करना. राज्य में कम्प्यूटर एवं इंटरनेट के उपयोग को बढ़ावा देना. योजना की अवधि- लैपटॉप एवं टेबलेट का वितरण प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में किया जाएगा. योजनान्तर्गत हितग्राही विद्यार्थी के साथ बगैर भेदभाव किए उसके शैक्षणिक जीवन में राज्य में स्थित किसी भी महाविद्यालय में पढ़ाई करता हो चाहे वह निजी कालेज क्यों ना हो. वह लैपटाप/ टैबलेट के लिए पात्र होगा. ऐसे सभी युवाओं को इसका लाभ मिल रहा है. राज्य सरकार ने इस योजना के तहत हर साल एक लाख विद्यार्थियों को नि:शुल्क लैपटॉप और कम्प्यूटर टेबलेट देने का निर्णय लिया था. योजना की शुरुआत में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को नि:शुल्क लैपटॉप तथा विज्ञान, कला और वाणिज्य संकायों के स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को नि:शुल्क कम्प्यूटर टेबलेट देने का लक्ष्य था. राज्य शासन ने छात्र-छात्राओं को छत्तीसगढ़ युवा सूचना क्रांति योजना के तहत न सिर्फ मुफ्त में लेपटॉप, टेबलेट बांट रही है बल्कि इन लेपटॉप और टेबलेट का इस्तेमाल करने के लिए कॉलेजों में फ्री वाइ-फाइ की सुविधा भी दे रही है. ताकि छात्र-छात्राएं विश्व से जुड़ सकें और फ्री वाइ-फाइ का इस्तेमाल कर अपने ज्ञान के स्तर को बढ़ा सकें. साथ ही विषय वस्तु को इंटरनेट के माध्यम से निकालकर अध्यन कर सकें. जिसे देखते हुए रमन सरकार ने यूजीसी एवं केन्द्र सरकार के सहयोग से 68 महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं के लिए कैंपस में निशुल्क वाइ-फाइ सुविधाओं को उपलब्ध कराया है. अब छात्र-छात्राएं फ्री वाइ-फाइ से अपने लेपटॉप और टेबलेट के जरिए आडियो-विजुअल माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्हें विश्व स्तर की बेहतरीन किताबें भी इंटरनेट से फ्री में डाउनलोड कर पढ़ाई कर रहे हैं.
स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को जगाने के लिए कहा था- उठो, जागो और तब तक रूको नही, जब तक मंजिल ना मिल जाए. इसी ध्येय वाक्य को आधार मानकर रमन सरकार ने युवाओं को सपना दिखाया. सपना था, दुनिया को जीत लेने का. सपना था, दुनिया की दूरी समेटने का. सपना था, विकास का और इस सपने को हकीकत में ढालने के लिए सरकार छत्तीसगढ़ युवा सूचना क्रांति योजना लेकर आई. 1 नवंबर2011 को राज्योत्सव के मौके पर रमन सरकार ने योजना का ऐलान किया और फिर 1 फरवरी 2013 से प्रदेश में युवा सूचना क्रांति योजना लागू कर दिया गया. डा. रमन सिंह कहते हैं कि राज्य के युवाओं को सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश व दुनिया के बढ़े अवसरों से जोड़ने हेतु यह पहल ऐतिहासिक है. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने योजना के शुभारंभ के वक़्त कहा था कि यह योजना छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए तकनीक के युग में स्थापित करने का काम करेगी.
मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह की पहल पर शुरू की गई इस योजना को लेकर युवाओं में जमकर उत्साह है. तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर रहे अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क लैपटाप और शेष कॉलेजों के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को टैबलेट का वितरण हो रहा. अब तक प्रदेश में लाखों विद्यार्थियों को लैपटॉप और टेबलेट का वितरण किया जा चुका है. रमन सरकार की इस योजना का युवा खुले दिल से प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि इंटरनेट और मोबाइल क्रांति के इस दौर में सरकार की ओर से युवा सूचना तकनीक में आगे रखने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं. वह सराहनीय है. लेपटॉप टेबलेट मिलने से छात्रों को पढ़ाई में काफी आसानी होती है. पहले कई दफे उन्हें इंटरनेट से कोर्स की चीजें डाउनलोड करने के लिए इंटरनेट कैफे जाना पड़ता था. लेकिन रमन सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से अब उन्हें इंटरनेट कैफे का चक्कर काटने से मुक्ति मिली है. वहीं कैफे में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता था जिसकी वजह से समय की भी बर्बादी होती थी. अब उन्हें इन सारी चीजों से निजात मिल गई है. बिलासपुर यूनिवर्सिटी में एमएससी अंतिम वर्ष के छात्र नीलेश सिंह क्षत्री को सरकार की युवा सूचना क्रांति से टेबलेट मिला है. नीलेश कहते हैं टेबलेट मिलने से पढ़ाई में मदद मिल रही है. पहले मोबाइल में कोर्स की चीजें देखते थे टेबलेट में स्क्रीन बड़ी होने का लाभ मिलता है. इसमें पीडीएफ फाइल डाउनलोड कर सकते हैं. यह कंप्यूटर साइंस के छात्रों के लिए काफी अच्छा है. सुमन कश्यप का कहना है कि टेबलेट से वे अपनी परीक्षा के नोट्स इससे निकाल कर पढ़ाई की. इसके अलावा वे इससे नौकरियों के लिए ऑन लाइन आवेदन भी कर रही हैं. इससे उन्हें बेहद आसानी होती है.
नीलेश, सुमन के साथ ही शिवानी श्रीवास और मोईन खान को फ्री में टेबलेट मिला है. शिवानी कहती हैं टेबलेट मिलने से सुविधा हुई है क्योंकि सारी चीजें नेट में उपलब्ध हैं. छात्र मोइन खान का कहना है कि कम्प्यूटर साइंस के छात्रों के लिए ये काफी मददगार है. वहीं इंजीनियरिंग की छात्रा प्रियंका बंजारे अंतिम वर्ष की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं. उन्हें रमन की सरकार की इस योजना से लेपटॉम मिला है. प्रियंका के मुताबिक मुख्यमंत्री रमन सिंह की ये योजना बेहद खास है. इंजीनियरिंग की पढ़ाई में इससे काफी मदद मिली है और कई छात्र तो गरीबी की वजह से जैसे तैसे मुश्किल से अपनी पढ़ाई पूरी कर पाते हैं. आर्थिक तंगी की वजह से वे टेबलेट ,लैपटॉप नही खरीद पाते. शासन ने ऐसे छात्रों की मदद करके अच्छा काम किया है. रमन सरकार की इस योजना की सराहना ना सिर्फ छात्र छात्राएं कर रही हैं बल्कि प्रोफेसर भी योजना को महत्वपूर्ण बता रहे हैं. बिलासपुर यूनिवर्सिटी के कम्प्यूटर साइंस के हेड एच एस होता का कहना है कि सरकार की यह योजना सूचना प्रौद्योगिकी में बड़ा कदम है. छात्रो के लिए बहुत उपयोगी है क्योंकि ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बहुत सारे कोर्स होते हैं.
छत्तीसगढ़ युवा सूचना क्रांति योजना के तहत अब ‘क्वैड-कोर प्रोसेसर’ वाले लैपटॉप और टैबलेट दिए जा रहे हैं. कॉलेजों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को बांटे जाने वाले लैपटॉप और टैबलेट के तकनीकी मानकों को मंजूरी के बाद अब अत्याधुनिक तकनीक से लैस टैबलेट और लैपटॉप का वितरण हो रहा है. इससे पहले तक राज्य के कॉलेजों में अध्ययनरत युवाओं को ‘पेंटियम ड्यूल कोर प्रोसेसर’ वाले टैबलेट और लैपटॉप वितरित किए जाते थे.
राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विधार्थियों को उच्च गुणवत्ता और बेहतर शिक्षा देने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का अच्छा उपयोग किया जा रहा है. राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ युवा सूचना क्रान्ति योजना के तहत प्रदेश के सभी सरकारी कॉलेजों में अन्तिम वर्ष के स्नातक एवं स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों को अब तक लगभग एक लाख कम्प्यूटर टेबलेट वितरण किया गया है. शैक्षणिक सत्र 2016-17 में 6790 छात्र-छात्राओं को लेपटॉप वितरित किए जा चुके हैं. शैक्षणिक सत्र 2015-16 के पात्रताधारी विद्यार्थियों को लेपटॉप टैबलेट के स्थान पर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रॉन्सफर (डीबीटी) के माध्यम से राशि उनके खातों में जमा कराई गई.
एक नजर सूचना क्रांति योजना पर –
- छत्तीसगढ़ युवा सूचना क्रांति योजना में पात्रता अनुसार निःशुल्क लैपटॉप अथवा टेबलेट प्रदाय किए जाते हैं.
- राज्य के युवाओं को नई तकनीकों के उपयोग की सुविधा देना. युवाओं को नई तकनीक के माध्यम से कैरियर निर्माण में सहयोग प्रदान करना. राज्य में कम्प्यूटर एवं इंटरनेट के उपयोग को बढ़ावा देना.
- लैपटॉप एवं टेबलेट का वितरण प्रत्येक शैक्षेणिक सत्र में किया जाता है
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प्रदेश के सभी राज्यकीय विश्वविद्यालयों सहित बड़े 50 सरकारी कॉलेजो में छात्र-छात्राओं के लिए वाई-फाई की सुविधा दी गई.
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छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स) के माध्यम से विभाग के लिए प्राईस वाटर हाऊस कूपर संस्था (पी.डब्ल्यू.सी) के माध्यम से ‘स्टूडेंट लाईफ साईकल मैनेजमेंट‘ नामक साफ्टवेयर तैयार किया गया.
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प्रदेश के 108 शासकीय महाविद्यालयों में ब्राडबैंड कनेक्टिीविटी की सुविधा बी.ए.एन.एल. के माध्यम से उपलब्ध.
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राज्य के लगभग 150 कॉलेजों द्वारा अपनी वेबसाईट तैयार, सभी वेबसाईट को विभागीय वेबसाईट से हाईपर लिंक द्वारा जोड़ा जाकर एक ही पोर्टल में लाने का कार्य शुरू.
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सभी शासकीय कॉलेजों में कार्यालयीन कार्य की सुविधा और प्रकरणों की त्वरित जानकारी के लिए गुप्र ई-मेल,एस.एम.एस. और व्हाटसअप शुरूआत की गई है.
कह सकते है कि युवाओं के सपनों को रमन सरकार ने पंख लगा दिए है और युवा अब हौसलों और उम्मीदों के सहारे प्रदेश और देश के भविष्य को विकसित विकास की ओर ले जाने की कवायद कर रहे हैं. चेहरे पर मुस्कान हैं और दिल में जज्बा.