एक वक्त था जब भारत की गिनती विश्व के सर्वाधिक गंदगी वाले देशों में होती थी, देश के हर छोटे-बड़े शहर गंदगी से लबरेज थे. किसी भी मोड़ से गुजरें सांस लेना दूभर होते जा रहा था. ऐसे में महात्मा गांधी के उस सपने स्वच्छ भारत को साकार करने देश के पीएम नरेन्द्र मोदी सामने आए और स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत हुई. इस अभियान के तहत न सिर्फ गांवों और शहरों को ओडीएफ करने अभियान चलाया गया. बल्कि क्लीन सिटी मिशन का भी आगाज हुआ. प्रधानमंत्री के क्लीन सिटी के सपने को साकार करने का बीड़ा प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने उठाया और मिशन क्लीन सिटी को अमली जामा पहनाने पर काम शुरु हुआ. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शुरु हुए इस अभियान ने देश को अंबिकापुर सिटी जैसे रोल मॉडल दिए. इस मॉडल पर प्रदेश के साथ ही देश भर के कई राज्य आज काम कर रहे हैं. जो शहर गंदगी से लबरेज थे आज वे साफ और सुंदर नजर आ रहे हैं. शहरों के इस बदलाव की वजह से वहां रहने वाले लोगों में भी बदलाव आना शुरु हुआ और शहर को स्वच्छ रखने की एक नई सोच का जन्म हुआ. इसी का नतीजा है कि सूबे में कई शहर स्वच्छ शहर बन गए हैं.
- मिशन क्लीन सिटी- सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में अंबिकापुर द्वारा रिसाइकिल किये जाने योग्य पृथकीकरण आधारित योजना स्वसहायता समूहों के माध्यम से प्रारंभ की गई, जो कि देश में एक इनोवेटिव्ह प्रैक्टिस के रुप में प्रख्यात हुई.
- प्रदेश के 165 नगरीय निकायों में इसी आधार पर मिशन क्लीन सिटी योजना प्रारंभ की गई.
- स्वसहायता समूहों की 8154 महिलाओं को उनके शहर में ही रोजगार के नवीन अवसर प्राप्त हो रहे हैं.
- इस योजना के क्रियान्वयन हेतु नगरीय निकायों को 380 मिनी टिप्पर हेतु 17.70 करोड़,
- 320 नग एसएलआरएम सेन्टर निर्माण हेतु 82.88 करोड़, 1
- 63 नग कम्पोस्ट शेड निर्माण हेतु रुपए 19.54 करोड़,
- 2591 नग ट्राय सायकल रिक्शा क्रय हेतु 10.88 करोड़,
- एसएलआरएम सेन्टर हेतु सामग्री क्रय हेतु 8.73 करोड़,
- 26 लाख 75 हजार डस्टबिन क्रय हेतु 30.74 करोड़
- स्वसहायता समूहों के वर्दी क्रय हेतु रुपए 3.01 करोड़
- मानदेय भुगतान हेतु रुपए 24.46 करोड़.
- इस प्रकार कुल 197.94 करोड़ राशि जारी की गई है.
डोर टू डोर कलेक्शन शुरू
![](https://lalluram.com/wp-content/uploads/2018/09/vlcsnap-2018-09-21-20h25m45s903-300x169.png)
शर्म का कारण कचरा बना आय का जरिया
![](https://lalluram.com/wp-content/uploads/2018/09/vlcsnap-2018-09-21-20h27m34s612-300x169.png)
छत्तीसगढ़ की राजधानी भले ही रायपुर हो, लेकिन स्वच्छधानी अंबिकापुर है. देश भर में अंबिकापुर 2 लाख की आबादी वाले शहरों में सफाई के मामले में नंबर वन है. अंबिकापुर देश को ये बताया कि शहर को स्वच्छ रखा जा सकता है. अंबिकापुर ने बताया कि सरकार की नीतियों का सही तरीके से क्रियान्वयन कैसे किया जा सकता है. अंबिकापुर ने दिखाया कि कैसे मुख्यमंत्री के स्वच्छ छत्तीसगढ़ के सपने को साकार किया जा सकता है. कैसे पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को अंजाम तक पहुँचाया जा सकता.
अंबिकापुर शहर बना मॉडल
छत्तीसगढ़ की राजधानी 3 सौ 30 किलोमीटर दूर उत्तरीय इलाका सबसे खूबसूरत शहर है अंबिकापुर. मिशन क्लीन सिटी आवार्ड जीतने वाला अंबिकापुर शहर का नाम प्राकृतिक सौंदर्यता के तौर पर देश में तो रही है, अब अंबिकापुर की पहचान स्वच्छ शहर के तौर पर भी है. देश भर में स्वच्छता के क्षेत्र में एक मॉडल शहर के तौर पर अंबिकापुर की पहचान बन चुकी है. छत्तीसगढ़ में स्वच्छता अभियान का सबसे अच्छा क्रियान्वयन अंबिकापुर के भीतर हुआ है. 2015 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2 अक्टूबर को स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की तो मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी संकल्प लिया था कि स्वच्छता के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को नंबर वन बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से जैसा कहा, वैसा करके दिखाया भी. 2 साल में छत्तीसगढ़ ने स्वच्छता के क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया. ओडीएफ में छत्तीसगढ़ सभी राज्यों से अव्वल तो बना ही अब छत्तीसगढ़ स्वच्छ शहरों की श्रेणी में भी अग्रणी पंक्ति में जा खड़ा हुआ है. दरअसल अम्बिकापुर में कचरा प्रबंधन का तरीका पूरे देश के लिए मॉडल साबित हुआ है. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कर यहाँ की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने स्वच्छता के क्षेत्र में वो कर दिखाया जो देश मे कोई नही कर सका था. नतीजन शहर भी साफ और स्वच्छ हो गया. इस शहर में ना तो कूड़े का ढेर लगता और ना ही निगम का कचरा डंपिंग यार्ड है. लिहाजा स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 में अम्बिकापुर ने 2 लाख की आबादी वाले शहरों में पूरे देश मे प्रथम स्थान पाया था और प्रदेश के सर्वे में 2017 और 18 दोनों में ही नम्बर वन की बादशाहत बरकरार है.
एनजीटी ने कहा- देखिए अंबिकापुर की स्वच्छता
महापौर ने बताया की हमारे यहाँ से संसद में स्वछता को लेकर प्रेजेंटेशन किया गया था. जिसमे अंबिकापुर के स्वछता मॉडल सबको पसंद आया और इस कार्ययोजना को अन्य जगह में शुरू करने के लिए एनजीटी ने सभी राज्यों को कहा है की अंबिकापुर में स्वच्छ शहर को देखकर आइये और अपने राज्यों में इस योजना को लागू करे. वहीं नगर पालिक निगम अम्बिकापुर को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से स्वच्छ अम्बिकापुर मिशन सहकारी समिति के सदस्यों द्वारा नगरीय क्षेत्र में ठोस एवं द्रव अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र का संचालन किया जा रहा है. स्वच्छता समिति के सदस्यों द्वारा निगम क्षेत्र के प्रत्येक घर तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से सूखे एवं गीले कचरे का संग्रहण करते हुये एसएलआरएम केन्द्रों में कचरे की प्रकृति के अनुसार उनका पृथककरण किया जा रहा है.
यही वजह है कि आज कई राज्यों के अधिकारी भी अंबिकापुर स्वच्छ मॉडल को देखने के लिए आ रहे हैं. गुजरात से पहुंचे नगरीय प्रशासन के अधिकारी बीसी पाटनी ने कहा यह अंबिकापुर मॉडल वास्तव बेहद अनूठा है. गुजरात के भीतर इस मॉडल को लागू किया जाएगा. स्वच्छता के क्षेत्र में किया गया काम बहुत सराहनीय है. जाहिर तौर पर अंबिकापुर शहर यूं ही स्वच्छता में नबंर वन नहीं बना. बल्कि देश भर के लिए अगर यह सहर मॉडल बना तो इसमें शहर के लोगों का भी अहम रोल है. क्योंकि किसी भी क्षेत्र में जन-जागरूका बड़ी चीज होती है. और आज अंबिकापुर शहर में लोगों के भीतर स्वच्छता को लेकर जागरूकता दिखती भी है. क्या कहते शहरवासी सुनिए.
वास्तव में जिस तरह से अंबिकापुर में मिशन क्लीन सिटी को लेकर काम हुआ अगर इसी तरह का प्रयास सभी शहरों में हो जाए तो छत्तीसगढ़ का हर शहर अंबिकापुर बन जाए. प्रधानमंत्री का स्वच्छ भारत अभियान आज पूरी तरह से एक जन आंदोलन बन चुका है इसमें कहीं कोई दो राय नहीं है. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी के सपनों का छत्तीसगढ़ आज साकार हो रहा इसमें कोई दो राय नहीं है. अंबिकापुर के रास्ते छत्तीसगढ़ भी सभी राज्यों के मुकाबले स्वच्छता में नंबर वन बनेगा इसमें भी दो राय नहीं. क्योंकि हर कोई कह रहा…हर कोई स्वच्छता के संग झूम रहा है….क्योंकि हाय रे सरगुजा नाचे….