रायपुर। प्रदेश के सरकारी विभागों में जारी भर्तियों में स्थानीय को प्राथमिकता नहीं दिए जाने का आरोप जनता कांग्रेस ने लगाया है. जेसीसीजे अध्यक्ष अमित जोगी ने इसके लिए सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखा है. अमित जोगी का कहना है राज्य शासन की ओर से जारी भर्तियों में ‘छत्तीसगढ़ का निवासी होना अनिवार्य नहीं है’ ऐसी शर्त को तत्काल निरस्त करे.
छत्तीसगढ़ के लोगों को सरकारी नौकरी में ज्यादा से ज्यादा प्राथमिकता मिले इसके लिए छत्तीसगढ़ी के साथ-साथ प्रदेश के अन्य भाषा-बोलियों की जानकारी को अनिवार्य किया जाए.
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) अध्यक्ष अमित जोगी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर राज्य शासन की भर्ती-नीति में तीन संशोधन करने की माँग की है-
(1) छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न विभागों द्वारा की जा रही व्यापक भर्तियों में “छत्तीसगढ़ का निवासी होना अनिवार्य नहीं है” शर्त को तत्काल निरस्त करें ताकि आउट्सॉर्सिंग के नासूर को जड़ रोका जा सके.
(2) ये शर्त रखी जाए कि “समस्त भर्तियों के लिए छत्तीसगढ़ी भाषा अथवा प्रदेश की प्रचलित बोलियों और संस्कृति का सामान्य ज्ञान होना अनिवार्य रहना चाहिए” ताकि प्रदेश के निवासियों को राजस्थान, उड़ीसा, महाराष्ट्र इत्यादि अन्य राज्यों की तर्ज़ पर प्राथमिकता मिल सके.
(3) भर्तियों का विकेंद्रीकरण करके उसका अधिकार त्रीस्तरीय ज़िला पंचायत और स्थानीय सरकार के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को दे देना चाहिए।अमित जोगी ने ये भी जानकारी दी कि आउट्सॉर्सिंग बंद करने और स्थानीय लोगों का भविष्य सुरक्षित करने के उपरोक्त आशय का “ग़ैर-शासकीय संकल्प” इसी सत्र में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और बसपा गठबंधन के 7 विधायकों द्वारा विधान सभा में जल्द प्रस्तुत किया जाएगा.