नई दिल्ली। फिल्म “द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर” को लेकर उठा विवाद अदालत तक पहुंच गया है. फिल्म के ट्रेलर पर रोक लगाने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. याचिका पर सुनवाई सोमवार को हो सकती है. याचिकाकर्ता दिल्ली की फैशन डिजाइनर पूजा महाजन हैं. याचिका में कहा गया है के प्रधानमंत्री का पद संवैधानिक पद है. पूर्व प्रधानमंत्री की इमेज को खराब करने के लिए दिखाए जा रहे प्रोमो पर तुरंत रोक लगाई जाए. इससे पूर्व प्रधानमंत्री के साथ-साथ देश की छवि भी खराब होगी. ट्रेलर में जो कुछ दिखाया जा रहा है वह भ्रमित करने वाला है.

याचिकाकर्ता पूजा महाजन का कहना है कि ट्रेलर में न सिर्फ सिनेमेटोग्राफी एक्ट के रूल 38 का उल्लंघन किया गया है, बल्कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनमोहन सिंह जो जीवित पात्र हैं, उनसे बिना इजाजत लिए यह फिल्म बनाई गई है. आपको बता दें कि यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्व सलाहकार संजय बारु द्वारा लिखी गई किताब द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर पर ही आधारित है. फिल्म में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का किरदार अनुपेम खेर और संजय बारु का किरदार अक्षय खन्ना ने निभाया है.

फिल्म 11 जनवरी को रिलीज होने वाली है. याचिकाकर्ता की वकील मैत्री ने कहा कि फिल्म निर्माता ने मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी से उनके चरित्र, उनके राजनीतिक जीवन और पहनावे पर अभिनय करने या उनकी आवाज को किसी तरह से प्रस्तुत करने की अनुमति नहीं ली है. याचिकाकर्ता ने कहा कि सीबीएफसी के दिशानिर्देश के अनुसार, वास्तविक जीवन पर आधारित फिल्म के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र की जरूरत होती है, लेकिन फिल्म के ट्रेलर के लिए कोई अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं लिया गया है. याचिकाकर्ता ने अदालत से केंद्र सरकार, गूगल, यूट्यूब और सीबीएफसी को ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ का ट्रेलर दिखाने पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की है.