रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने संगठन में रहकर चुनाव लड़ने वालों के लिए नया फार्मूला तो लागू कर दिया है, लेकिन कांग्रेस संगठन के भीतर और इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने की दावेदारों की चिंता भी बढ़ा दी है. चिंता ये है कि फिलहाल तीन जिलों के अध्यक्षों ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया है. लेकिन इस्तीफा देने वाले दावेदारों को टिकट मिल जाए यह सुनिश्चित नहीं है. यही नहीं संगठन के भीतर माथापच्ची इस बात को लेकर भी है कि जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है उनके स्थान पर अध्यक्ष बनाया किसे जाए.
क्योंकि जिन्हें भी जिम्मेदारी दी जाएगी या जो भी जिलाध्यक्ष बनेगा उसकी जिम्मेदारी यह रहेगी कि वे अपने जिले में उम्मीदवारों को जिताकर लाए. ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से साफ निर्देश सभी संगठन के नेताओं को दे दिया गया है कि चुनाव सिर्फ प्रत्याशी नहीं लड़ेगा, बल्कि संगठन चुनाव लड़ेगा. मतलब यह साफ है कि अगर चुनाव में कहीं कोई गड़बड़ी हुई तो गाज संगठन में नेतृत्वकर्ताओं के ऊपर ही गिरेगी. ऐसे में संगठन के भीतर फिलहाल विकल्प यह भी तलाशा जा रहा है कि जिन्होंने इस्तीफा दिया है उसे ही अभी कार्यवाहक अध्यक्ष बना दिया जाए. अगर उन्हें टिकट नहीं दी गई तो फिर उन्हें पूर्णकालिक अध्यक्ष की जिम्मेदारी फिर से दे दी जाएगी. हालांकि इन तमाम विकल्पों के भी नए विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं. हो यह सकता कि रायपुर में पूर्णकालिक जिलाध्यक्ष नियुक्त कर दिया जाए, बाकि जगहों पर इस्तीफा देने वालों को ही कार्यवाहक अध्यक्ष की जिम्मेदारी देकर काम चलाया जाए. फिलहाल सभी की निगाहें अब पीसीसी की ओर है.