रायपुर। गंभीर रुप से दोनों पैरों से घायल एक व्यक्ति के अंबेडकर अस्पताल से गायब होने और 10 किलोमीटर दूर उसका शव बरामद होने के मामले में तकरीबन माह भर होने को हैं लेकिन इस मामले की गुत्थी अभी तक सुलझ नहीं पाई है. पुलिस के हाथ उन सवालों के साथ अभी भी खाली है कि ट्रेन एक्सीडेंट में दोनों पैरों से घायल व्यक्ति कार्तिक राम सांवरे जो कि जमीन में पैर भी नहीं रखा सकता आखिर वह 10 किलोमीटर दूर महादेवघाट के पास कैसे पहुंच गया. इन सारे सवालों के जवाब तलाशने पुलिस पिछले कुछ हफ्तों से अपने हाथ पैर मार रही है. अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे का फुटेज भी पुलिस को नहीं मिल पाया है. अस्पताल प्रबंधन के पास 4 दिन से ज्यादा फुटेज का बैकअप मौजूद नहीं रहता.
आपको बता दें कि कार्तिक राम सांवरे को महासमुंद के बागबहरा से 108 संजीवनी एंबुलेंस द्वारा 23-24 अप्रैल की रात को अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 25 तारीख को जब उसके परिजन अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने सभी वार्ड में उसकी तलाश की लेकिन उसका पता नहीं चला वहीं अस्पताल प्रबंधन ने भी उनकी कोई मदद नहीं की. जिसके बाद परिजन वापस महासमुंद चले गए और वहीं उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाना चाहे तो पुलिस द्वारा उन्हें वापस रायपुर भेज दिया गया. वापस आने पर  मेकाहारा में स्थित पुलिस चौकी में तैनात जवानों ने उन्हें मौदहापारा थाना भेजा. जहां एक सिपाही ने कार्तिक राम के हुलिए के एक शख्स का शव मिलने की जानकारी दी और उन्हें मर्च्यूरी ले जाया गया. मर्च्यूरी पहुंचने पर परिजनों ने कार्तिक राम सांवरे के शव को पहचान लिया. बताया जा रहा है कि कार्तिक राम सांवरे का शव महादेव घाट के पास नदी किनारे मिला था. इस मामले में डीडी नगर पुलिस ने मर्ग कायम किया था.