सुशील सलाम कांकेर– नक्सली हिंसा के शिकार लोगों ने मंगलवार को कलेक्टर के जनदर्शन में नौकरी और रहने के लिए आवास की मांग की. पुलिस की सुरक्षा में रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि नक्सलियों ने मारपीट कर उन्हें गांवों से भागने पर मजबूर कर दिया. परिवार के सदस्य की हत्या कर दी गई. कांकेर जिले के अलग-अलग गांवों में नक्सली हिंसा से पीड़ित लोगों ने पलायन कर पुलिस के राहत शिविर में शरण ली है. इनके बीच जीवनयापन का संकट गहरा गया है. पीड़ित परिवारों ने कलेक्टर रानू साहू से नौकरी दिलाने की गुहार लगाई है.

असल में माओवादी हिस्सा से थर्रा रहें बस्तर के ग्रामीण इलाकों में नक्सलियों के डर से ग्रामीणों को गांव खाली करना पड़ा है. पानीडोबिर, लोहत्तर, दमोड़ा, पेंडावरी, कन्हारगांव, मुल्ला समेत तुमसनार गांव से अपनी जान बचाने के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों की निगरानी में रहना पड़ता है. जबकि नक्सली संगठन में भर्ती होकर आम नागरिकों और सुरक्षा बलों के जवानों की हत्या करने वाले नक्सलियों को सरेंडर पॉलिसी के तहत सरकारी नौकरी और रहने को मकान दिया जाता है. नक्सली हिंसा के शिकार हुए ग्रामीण सरकारी बेरूखी से मायूस हैं. गांववालों ने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है. ग्रामीणों ने बताया कि जिम्मेदार अफसरों को पहले भी समस्या से अवगत कराया गया था, लेकिन उनकी गुहार अब तक अनसुनी ही है.