रायपुर- निजी स्कूलों की मनमानी और आरटीई का पालन नहीं होने संबंधी याचिका पर सुनवाई अब 7 मई को होगी. चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी एवं पी पी साहू की डबल बेंच में हुई सुनवाई के दौरान राज्य शासन को शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने के आदेश दिए गए हैं. बता दें कि गुरूवार को हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान शासन की ओर से जवाब नहीं आने पर नाराजगी जाहिर करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया था.
भिलाई निवासी सी वी भगवंत राव समेत अभिभावकों की संस्था जन अधिकार परिषद ने निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ साल 2014 में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इस याचिका में कहा गया था कि राज्य के निजी स्कूलों में 85 हजार से ज्यादा सीटें हैं, जिसमें से आरटीई कानून के प्रावधानों के तहत 17 हजार सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित हैं, बावजूद इसके निजी स्कूल प्रबंधन गरीब बच्चों को प्रवेश नहीं दे रहे. जन अधिकार परिषद ने निजी स्कूलों में मनमाने ढंग से फीस लिए जाने संबंधी याचिका लगाते हुए निजी स्कूलों में लिए जाने वाले फीस के लिए नियामक आयोग बनाने की मांग की गई थी.