चंडीगढ़. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रशासनिक अधिकारी की तरफ से जारी उस बयान का संज्ञान लेते हुए पंजाब और चंडीगढ़ के मुख्य सचिव, डी.जी.पी., आई.जी. जेल और 25 जेलों के निरीक्षकों को नोटिस जारी किया है, जिसमें जिक्र किया कि जेलों में 42 प्रतिशत बंदी नशे के आदी हैं।
आयोग ने सभी को कड़े आदेश दिए हैं कि इस संबंध में 4 सप्ताह के भीतर एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश की जाए।
उक्त आंकड़े पंजाब मानवाधिकार आयोग की समीक्षा बैठक में सामने आए हैं, जिसमें संबंधित स्टेकहोल्डर्स और विशेषज्ञ शामिल थे, जिसमें पंजाब और चंडीगढ़ की जेलों में बंदियों की स्थिति और चुनौतियों विषय पर चर्चा हुई थी।
आयोग ने कहा है कि उक्त आंकड़े विश्वसनीय बैठक में सामने आए हैं, जिसे नकारा नहीं जा सकता। आंकड़ों से साफ है कि पंजाब और चंडीगढ़ की जेलों में बंदियों के अधिकारों का हनन हो रहा है, जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है।
मानवाधिकार आयोग ने उक्त अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि रिपोर्ट में यह भी बताया जाए कि जेलों के लिए जारी एडवाइजरी को लेकर क्या कदम उठाए गए और जेलों में आत्महत्याओं को लेकर जारी निर्देशों पर क्या कार्रवाई हुई है। आयोग ने कहा कि जेलों में बंदियों को तम्बाकू के सेवन की अनुमति दी गई है, जो आयोग के दिशा-निर्देशों की अवहेलना है। आयोग ने यह भी पूछा है कि पंजाब और चंडीगढ़ की कितनी जेलों में ड्रग डी-एडिक्शन सैंटर खोले गए हैं।
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