वैभव बेमतरिहा, रायपुर। क्या लग रहा है? किसकी बन रही है? बदल जाएगी क्या? क्या बात कर रहे हो चौथी बार..? अच्छा तुम बताओ…तुम्हारा क्या आंकलन है? और आपका? अरे सट्टा बाजार का पता नहीं का..? और सोशल मीडिया में…वहां तो कई तरह के आंकड़ें आ रहे हैं! बहुत से वाट्सएप ग्रुपों में तो ओपनियन पोल..एग्जिट पोल बकायदा चैनलों के नाम से जा रही हो हैं. क्या लग रहा है जो सोशल मीडिया में चल रहा वो सच है क्या? फेसबुक देखे क्या..? वहां तो आंकड़ों की भरमार है. राजनीतिक दलों के समर्थकों की पोस्ट तो देखिए..और पत्रकारों के..? आप चौंक जाएंगे!

एक काम कर चल फोन लगा…अच्छा सुन पत्रकार से मत पूछना. पत्रकारों के अपने अलग आंकलन होते हैं. वैसे तुम्हारे पास क्या आंकड़े हैं? अच्छा अपना छोड़…पहले कुछ लोगों से बात कर ले. लेकिन वो तो कह रहे थे 50 से ऊपर जाएगा. अरे नहीं भई मुझे लगता है 46 से 48 मिलेगी. ठीक है न तो बहुमत तो है. मतलब सरकार बन गई. अच्छा देखों संभागवार गिनते हैं. बस्तर 9 से 10….दुर्ग 12 से 14, रायपुर में अभी कुछ जगहों को छोड़ के चलते हैं. यहां अभी 8 से 10, बिलासपुर में 8 से 10 और सरगुजा 7 से 9. लेकिन कई सीटों में जबरदस्त पेंच फंसा है. बिलासपुर में लेकिन भारी पड़ेगा…उसे आप इग्नोर नहीं कर सकते हैं. वैसे मुश्किल दिखती है लेकिन कुछ भी हो सकता है. अरे कोई मुश्किल नहीं भई सब क्लियर कट है. आप मानके चलो 50 प्लस.

लेकिन छाप का भी तो ख्याल रखना पड़ेगा. जहां भारी पड़ेगा बोल रहे हैं वहां छाप किसके साथ ये भी तो देखों. फिर ऐसे में कैसे कह सकते हो कि जीत रहे हैं? हां…ये सही कह रहे हैं फिर भी 6 से 8 तो आ ही जाएगी. अरे नहीं भई बीते तीन चुनाव का आंकलन को वोट परसेंट लगातार गिर रहा है. वो फिर एक और पार्टी भी तो है उसका वोट परसेंट मायने रखेगा की नहीं. उसे तो आप गिन ही नहीं रहे हैं. सभी 90 सीटों में उनका असर अन्य दलों पर पड़ा है ये देख लेना. लेकिन …भाई जेला पूछ..चाहे पान ठेला मन चल दे…चाहे चाय ठेला म….चाहे कोनो प्रेस के ऑफिस…चाहे कोनो पार्टी कार्यालय…यहां तक आयोग के दफ्तर सब कोति सांप सिढ़ी चलत हे….कोनों सट ले चढ़ा देथे..कोनों सट ले गिरा देथे. सब जग बस इही पूछते कि का लगत हे…का कहना हे…तोर अनुमान का कहत हे.

अच्छा ठीक है लेकिन सट्टा बाजार से कोई खबर है क्या? अगर सरकार बदली तो फिर सीएम कौन होगा? एक मिनट रुको फोन आ रहा है…भैय्या क्या रिपोर्ट है… और बिलासपुर….पश्चिम का क्या हाल….कोंटा का डाउट है बता रहे हैं…..मंत्री….मंत्रियों की क्या रिपोर्ट है…8…क्या बात कर रहे हो….नहीं…वहां तो सौ परसेंट …..हां…और नहीं तो क्या. अच्छा ठीक है बाद में बात करता हूँ. सुन रात में वाट्सएप कॉल करते हैं….बहुत से लोगों को फोन निगरानी में है. क्या कह रहा था तेरा मित्र…कुछ नहीं….बताऊंगा. देखों मैं जहां तक बता रहा हूँ….मुझे तो यही लग रहा है.  अरे नहीं भई….मैं पूरा सरगुजा घूमा हूँ तो मैं जानूंगा या तुम….मैं भी तो बस्तर घूमा हूँ. अच्छा ठीक तुम अपना आंकड़ा बताओं….?

बीते दो दिनों से पूरे छत्तीसगढ़ में इसी तरह से चुनावी गपशप चल रहा है. हर कोई अपने-अपने हिसाब से सरकार बना रहे हैं. यहां तक की मंत्रिमंडल का गठन भी कर ले रहे हैं भई. कई नेताओं के तो विभागों का भी बंटवारा हो गया है. गनीमत है कि आयोग ने एक अच्छी पहल कर चैनलों की ओर से प्रसारित होने वाले तमाम तरह के पोल पर प्रतिबंध लगा दिया है. लेकिन इसके बाद भी सोशल मीडिया में ढेरों सर्वे और पोल निकल कर सामने आ रहे हैं. लेकिन रोचकता देखनी हो तो वहां जाकर देखो जहां चार लोग खड़े हैं और इसमें अगर नेता और पत्रकार हो गए तो ये मानकर चलो सरकार वहां बन भी जाएगी और गिर भी जाएगी.