जबलपुर(मध्यप्रदेश)- शहडोल जिले के एक अखबार के ब्यूरो चीफ और रिपोर्टर के खिलाफ बिना जांच किये अपराध कायम करने के मामले को जबलपुर हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है.इस मामले पर दायर की गई याचिका पर सुुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मामले के शिकायतकर्ता भाजपा नेताओं इन्द्रजीत छाबड़ा और राकेश पांडेय सहित मध्यप्रदेश के डीजीपी,शहडोल एसपी और कोतवाली थाना प्रभारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.जस्टिस सी.वी.सिरपुरकर की एकलपीठ ने मामले की केस डायरी तलब करते हुए अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को निर्धारित की है.
शहडोल में एक अखबार के ब्यूरो चीफ अफसर खान और रिपोर्टर शुभम तिवारी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है,जिसमें ये कहा गया है कि अखबार में उन्होनें कॉलम पर प्रकाशित एक व्यंग्य पर, जिसमें किसी का नाम नहीं था.उसको लेकर वहां के भाजपा के जिला महामंत्री राकेश पांडेय ने अफसर खान और शुभम तिवारी के खिलाफ कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई,जिस पर पुलिस ने बिना जांच किये पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया.याचिकाकर्ता पत्रकारों का कहना था कि उक्त कार्रवाई पुलिस ने राजनीतिक दबाव में की है,क्योंकि जिन लोगों ने शिकायत की है,वे सत्ताधारी दल से जुड़े हुए हैं और इनके अनियमितताओं के खिलाफ अखबार में खबरें प्रकाशित होती रहती थी.इसीलिये बदले की भावना से इन भाजपा नेताओं के खिलाफ थाने में तथ्यहीन शिकायत दर्ज करा दी,जिस पर बिना जांच किये पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया.
गृह मंत्रालय के आदेश दरकिनार-
गृह मंत्रालय के स्पष्ट आदेश हैं कि पत्रकारों के खिलाफ किसी शिकायत पर बिना जांच के प्रकरण दर्ज नहीं किया जा सकता.अपराध दर्ज करने के लिये डीआईजी स्तर के अधिकारी की अनुमति भी आवश्यक है.लेकिन शहडोल पुलिस ने इन नियम कायदों को धता बताते हुए भाजपा नेताओं के दबाव में आकर पत्रकारों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया.