रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों के साथ-साथ वकीलों और डॉक्टरों के संरक्षण के लिए भी गृह विभाग को विशेष सुरक्षा कानून बनाने के निर्देश दिए हैं. उल्लेखनीय है कि उन्होंने जनघोषणा पत्र में भी इसका उल्लेख किया है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव अजय सिंह ने आज यहां मंत्रालय में जनघोषणा पत्र के विभिन्न बिन्दुओं के क्रियान्वयन की तैयारी के लिए विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों और स्वतंत्र प्रभार वाले विशेष सचिवों की बैठक ली.
बैठक में गृह विभाग से संबंधित बिन्दुओं पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सल समस्या के समाधान के लिए नीति तैयार करने और वार्ता शुरू करने के लिए गंभीरता से प्रयास करने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए गृह विभाग आवश्यक तैयारियां जल्द सुनिश्चित करे. श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रत्येक नक्सल प्रभावित पंचायत को सामुदायिक विकास कार्यों के लिए एक करोड़ रूपए देने का भी जनघोषणा पत्र में वादा किया है, ताकि उन्हें विकास के माध्यम से मुख्य धारा से जोड़ा जा सके.
अजय सिंह ने कहा कि जनघोषणा पत्र में मुख्यमंत्री ने गृह विभाग से यह अपेक्षा की है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों को गंभीरता से लिया जाए और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए. प्रत्येक पुलिस थाने में एक महिला प्रकोष्ठ होगा और महिलाओं से संबंधित अपराधों की स्वतंत्र जांच की जाएगी. सार्वजनिक स्थानों और यातायात के साधनों को महिलाओं के अनुकूल और सुरक्षित बनाया जाएगा. मुख्य सचिव ने गृह विभाग के अधिकारियों को इस बिन्दु के क्रियान्वयन के लिए भी त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए.
उन्होंने गृह विभाग के अधिकारियों से कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा जनघोषणा पत्र में यह भी वादा किया गया है कि पुलिस कल्याण योजना के तहत पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश मिलेगा और तृतीय तथा चतुर्थ वर्ग के पुलिस कर्मचारियों के आवास और बच्चों के शिक्षा के लिए पुलिस कल्याण कोष को समय-समय पर शासकीय अनुदान देकर सशक्त बनाया जाएगा. चिटफंड कम्पनियों में निवेश करने वाले निवेशकों का पैसा वापस होगा और धोखाधड़ी करने वाली ऐसी कम्पनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मुख्य सचिव ने कहा कि गृह विभाग इन सभी बिन्दुओं के क्रियान्वयन के लिए तत्परता से कार्ययोजना तैयार करे.