रायपुर। राजधानी पुलिस ने तस्करी करने वाले एक बड़े ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश करते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए एक बड़े अंतर्राज्यीय गैंग के सदस्य हैं.
पुलिस ने यह कार्रवाई गंज थाना क्षेत्र स्थित बालाजी डॉरमेट्री में मिले 5 किलो सफेद पाउडर की जांच रिपोर्ट के बाद की है. 5 मार्च को पुलिस की इस कार्रवाई में जब्त किए गए पाउडर को नशीला पाउडर बताया जा रहा था. पुलिस ने यह कार्रवाई मुखबीर की सूचना के आधार पर की थी. जिसमें आरोपी तो फरार हो गया था लेकिन पाउडर जब्त करने में पुलिस को सफलता मिली थी.
होटल के रजिस्टर में दर्ज मोबाइल नंबर और आधार कार्ड की कापी के आधार पर पुलिस ने आरोपी लक्ष्मण बिन्द को गिरफ्तार किया था. आरोपी से पूछताछ के बाद एक-एक करके पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया. पुलिस के अनुसार यह गिरोह 30 सदस्यीय है.
बरामद किए गए पाउडर की लैब में जांच में वह मेग्लूमाईन नाम का पदार्थ निकला जो कि दवाईयां बनाने के काम आता था. बताया जा रहा है कि यह पाउडर काफी महंगे दर में मिलता है. जिसके बाद ही पुलिस ने कार्रवाई की. गिरफ्तार किए गए आरोपियों का नाम राम लगन पाण्डेय, नंदलाल बिन्द, राजेन्द्र बिन्द, महेन्द्र बिन्द, लक्ष्मण बिन्द और अमरनाथ बिन्द है.
पुलिस के अनुसार ये आरोपी काफी शातिर हैं और मुंबई की दवा कंपनियों के गोदामों से आरोपी चोरी किया करते थे. आरोपी गोदाम के चौकीदार या मास्टर की मिलीभगत से ये आरोपी महंगे ड्रग्स के रॉ मटेरियल की चोरी करते थे. ये तस्कर इतने शातिर हैं कि जिस ड्रम से चोरी करते थे उसमें उतनी ही मात्रा का नमक, कैल्सियम, स्टार्च इत्यादी मिला दिया करते थे. आरोपी ये मिलावट इस तरह से करते थे कि इसका किसी को पता नहीं चलता था.
ड्रम से रॉ मटेरियल निकालने के बाद उसी वजन का स्टार्च जैसी चीजों को बीच में भर देते थे और उसके ऊपर उसी ड्रग्स को भर दिया जाता था. पुलिस के अनुसार ये आरोपी चोरी किए गए माल को दूसरे राज्यो में कम दरों पर दवा कंपनियों को बेच दिया करते थे. पुलिस के अनुसार जो ड्रग्स मिला था वह जीवन रक्षक दवाईयां बनाने के काम आता है. आरोपियों द्वारा चोरी के बाद मिलावट करने से उस ड्रग्स से जो दवाईयां बनती थी उनकी क्षमता बेहद कम होती थी. इस तरह इन तस्करों की वजह से लोगों के जीवन में संकट उत्पन्न हो जाता है.