रायपुर- नदियों की दुर्दशा पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि पिछले सालों में उपेक्षापूर्ण नीतियों की वजह से नदियों के अतिक्रमण में बढ़ोतरी हुई है. औद्योगिक एवं शहरी कचरों के नदियों में मिलने से हो रहे प्रदूषण के कारण नदियां अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए संघर्षरत है. उन्होंने कहा है कि नदियों की दुर्दशा को किसी भी दशा में रोकना आवश्यक है. भूपेश बघेल ने इसे लेकर 31 मई तक एक विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश मुख्य सचिव को दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य की नदियां जीवनदायिनी, अस्मिता, धरोहर एवं मातृ स्वरूपा है. नदियों को प्रदूषण मुक्त कर उन्हें पुर्नजीवित करने हेतु युद्धस्तर पर प्रयास किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए शासकीय प्रयासों के साथ व्यापक जनभागीदारी भी जरूरी है. भूपेश बघेल ने कहा है कि नदियों के संवर्धन के लिए विभागों के संबंधित अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, स्थानीय समुदायों के विशिष्टजनों तथा अनुभवी ख्यातिनाम स्वयंसेवी संगठनों की सहायता ली जा सकती है.
भूपेश बघेल ने मुख्य सचिव को निर्देशित करते हुए कहा है कि नदियों को लेकर बनाई जाने वाली कार्ययोजना में नदियों के तटबंध को पक्का करने, नदियों के किनारे सघन वृक्षारोपण करने, अतिक्रमण हटाने तथा प्रदूषकारी कारणों को दूर करने जैसी गतिविधियां आवश्यक रूप से शामिल की जाए. विभिन्न विभागों की विभागीय योजनाओं में उपलब्ध बजट के अलावा आवश्यक संसाधनों की अतिरिक्त आवश्यकता का भी आकलन कर लिया जाए.